सानिया और बेथानी छठे वरीय जोड़ी को हराकर विंबलडन के दूसरे दौर में

By भाषा | Updated: July 1, 2021 18:03 IST2021-07-01T18:03:39+5:302021-07-01T18:03:39+5:30

Sania and Bethany beat sixth seeded pair in second round of Wimbledon | सानिया और बेथानी छठे वरीय जोड़ी को हराकर विंबलडन के दूसरे दौर में

सानिया और बेथानी छठे वरीय जोड़ी को हराकर विंबलडन के दूसरे दौर में

लंदन, एक जुलाई सानिया मिर्जा और अमेरिका की उनकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स ने डेसिरे क्राउजिक और एलेक्सा गुआराची की छठी वरीय जोड़ी को हराकर उलटफेर करते हुए गुरुवार को यहां विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के महिला युगल के दूसरे दौर में जगह बनाई।

सानिया और बेथानी ने धीमी शुरुआत के बाद लय हासिल कर ली और पहले दौर में मुकाबले में अमेरिका और चिली की जोड़ी को एक घंटा और 27 मिनट में 7-5 6-3 से हराया।

मैच की शुरुआत में ही भारत और अमेरिका की जोड़ी पर दबाव आ गया जब तीसरे गेम में बेथानी की सर्विस पर सात बार ड्यूस हुआ। अमेरिकी खिलाड़ी ने तीन डबल फॉल्ट किए लेकिन तीन ब्रेक प्वाइंट बचाने के बाद अपनी सर्विस भी बचा ली।

सानिया और बेथानी को भी विरोधी की सर्विस तोड़ने का मौका मिला जब अमेरिकी खिलाड़ी ने नेट पर वॉली पर अंक बनाने का मौका गंवा दिया। बायें हाथ की खिलाड़ी डेसिरे ने इसके बाद शानदार सर्विस करते हुए अपनी सर्विस बचाई।

एलेक्सा ने 12वें गेम में 15-30 पर सर्विस करते हुए फोरहैंड बाहर मारकर विरोधी जोड़ी को दो सेट प्वाइंट दिए और सानिया ने स्मैश के साथ पहला सेट जीत लिया।

दूसरे सेट में सानिया और बेथानी ने एक बार फिर एलेक्सा की सर्विस तोड़कर 3-1 की बढ़त बनाई जिसके बाद इस जोड़ी को सेट और मैच जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई।

अंकिता रैना गुरुवार को ही अमेरिका की अपनी जोड़ीदार लॉरेन डेविड के साथ उतरेंगी। यह पहली बार होगा जब ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रॉ में दो भारतीय महिला खिलाड़ी खेलेंगी।

अंकिता लगातार तीसरे ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में खेल रही हैं। उन्होंने इसी साल आस्ट्रेलियाई ओपन के साथ ग्रैंडस्लैम में पदार्पण किया था।

सानिया 2005 से ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

इससे पहले भारतीय-अमेरिकी शिखा ओबेरॉय ने 2004 में अमेरिकी ओपन के महिला एकल के लिए क्वालीफाई किया था और जापान की साओरी ओबाता के खिलाफ पहले दौर का मुकाबला जीता भी था लेकिन इसके बाद वीनस विलियम्स से हार गई।

शिखा इसके बाद कभी ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रॉ में जगह नहीं बना सकी। निरूपमा वैद्यनाथन 1998 में आस्ट्रेलियाई ओपन में जगह बनाने के बाद ग्रैंडस्लैम मुख्य ड्रॉ में खेलने वाली पहली महिला एकल खिलाड़ी बनी थी। निरूपमा मांकड़ 1971 में आनंद अमृतराज के साथ विंबलडन के मिश्रित युगल में खेली थी।

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Web Title: Sania and Bethany beat sixth seeded pair in second round of Wimbledon

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