प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक की टी64 ऊंची कूद में रजत पदक जीता

By भाषा | Updated: September 3, 2021 12:13 IST2021-09-03T12:13:47+5:302021-09-03T12:13:47+5:30

Praveen Kumar won silver medal in T64 high jump of Paralympics | प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक की टी64 ऊंची कूद में रजत पदक जीता

प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक की टी64 ऊंची कूद में रजत पदक जीता

भारत के प्रवीण कुमार ने शुक्रवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक में पुरूषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा का रजत पदक जीता जिससे देश ने इन खेलों में 11 पदक अपने नाम कर लिये हैं। अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। कुमार ने अपने शानदार प्रदर्शन के बाद कहा, ‘‘मैं बयां नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। यह कूद शानदार थी। यह मेरे पहले पैरालंपिक खेल हैं और आगे क्या होता देखते हैं। ’’ यह कुमार का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है और 2019 में खेल में आने के बाद पहला बड़ा पदक भी है। नोएडा के निवासी कुमार यहां भारतीय दल के सबसे युवा पदक विजेता भी बन गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने दो मीटर की कूद लगायी तो मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया क्योंकि इससे पहले यह थोड़ी कम थी। लेकिन इसके बाद मैंने दो मीटर से ऊपर की कूद लगायी। ’’ कुमार ने कहा, ‘‘अब मैंने 2.07 मीटर की कूद लगा ली है और यह काफी ऊंची कूद है। इस उपलब्धि के लिये मैं अपने कोच को श्रेय देता हूं। ’’ कांस्य पदक रियो खेलों के चैम्पियन पोलैंड के मासिज लेपियाटो के हासिल किया जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगायी। टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। कुमार टी44 क्लास के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं। टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर में विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट पर असर होता है। कुमार का विकार जन्मजात है और यह उनके कूल्हे को बायें पैर से जोड़ने वाली हड्डियों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धा शुरू होने से ठीक पहले मैंने अपने माता पिता से बात की और उन्होंने कहा, ‘‘जो भी तुम कर सकते हो, वैसा करो, खुद पर ज्यादा दबाव मत डालो। तुमने पहले ही जो हासिल कर लिया है, हम उससे खुश हैं। ’’ इस एथलीट ने कहा, ‘‘वे बहुत बहुत खुश होंगे। ’’ इससे पहले कुमार ने अपने पदार्पण वर्ष में जूनियर पैरा विश्व चैम्पियनशिप 2019 में रजत पदक जीता था। वह इस समय टी44 क्लास की विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर पर हैं। पैरा खेलों के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय कोच सत्यपाल सिंह से प्रशिक्षण लिया। बचपन में वह सक्षम खिलाड़ियों की ऊंची कूद स्पर्धा में हिस्सा लेते थे। भारत का इन तोक्यो खेलों में प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होने वाला है जिसमें देश ने अब तक दो स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीत लिये हैं। कुमार (18) निशानेबाज अवनि लेखरा के बाद भारतीय दल के पदक जीतने वाले दूसरे युवा खिलाड़ी हैं। स्वर्ण पदक जीतने वाली लेखरा 19 साल की हैं। ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में भारत को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी और पदकों की संख्या इसी के अनुरूप रही। भारत के 11 में से आठ पदक एथलेटिक्स में ही आये हैं जिसमें एक स्वर्ण भी शामिल है जो पुरूषों की भाला फेंक स्पर्धा में सुमित अंतिल (एफ64) ने जीता। भारत ने एथलेटिक्स में इनके अलावा अब तक पांच रजत और एक कांस्य पदक जीते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Praveen Kumar won silver medal in T64 high jump of Paralympics

अन्य खेल से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे