तोक्यो में मीराबाई का रजत सुनहरा पल, लेकिन ओलंपिक में भारोत्तोलन का भविष्य अनिश्चित

By भाषा | Updated: December 27, 2021 12:47 IST2021-12-27T12:47:53+5:302021-12-27T12:47:53+5:30

Mirabai's silver medal in Tokyo, but Olympic weightlifting future uncertain | तोक्यो में मीराबाई का रजत सुनहरा पल, लेकिन ओलंपिक में भारोत्तोलन का भविष्य अनिश्चित

तोक्यो में मीराबाई का रजत सुनहरा पल, लेकिन ओलंपिक में भारोत्तोलन का भविष्य अनिश्चित

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर रियो से तोक्यो तक मीराबाई चानू के हार नहीं मानने के जज्बे ने 2021 में भारतीय भारोत्तोलन को ओलंपिक रजत पदक के रूप में उसका सबसे यादगार तोहफा दिया लेकिन प्रशासन और डोपिंग संबंधी बरसों से चली आ रही समस्याओं के कारण ओलंपिक में इस खेल का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है ।

रियो ओलंपिक में 2016 में एक भी वैध लिफ्ट में नाकाम रहने के बाद आंसुओं के साथ विदा लेने वाली मीराबाई ने तोक्यो में ऐतिहासिक रजत पदक जीतकर उन जख्मों पर मरहम लगाया । कोरोना महामारी के कारण ओलंपिक एक साल टलने से उनकी तैयारियां बाधित हुई लेकिन इच्छाशक्ति पर असर नहीं पड़ा ।

क्लीन और जर्क में नये विश्व रिकॉर्ड के साथ उन्होंने अप्रैल में एशियाई चैम्पियनशिप में नये राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ कांस्य पदक जीता । उन्होंने क्लीन और जर्क में 119 और स्नैच में 86 किलो वजन उठाया ।

मीराबाई के पास अब एशियाई खेलों को छोड़कर सारे बड़े टूर्नामेंटों में पदक है ।

तोक्यो ओलंपिक में पहले ही दिन उन्होंने भारत का खाता खोला तो सारे देश में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी । रियो खेलों से पहले ओलंपिक रिंग के छल्लों के आकार के अपनी मां के दिये बूंदे पहनने हुए मीराबाई ने 49 किलोवर्ग में रजत पदक जीता ।

मणिपुर में इम्फाल से 20 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव में गरीब परिवार में जन्मी मीराबाई का बचपन आसपास की पहाड़ियों से लड़कियां काटकर या तालाब से कैन में पानी भरकर बीता । उन्होंने ओलंपिक में 202 किलो वजन उठाकर इतिहास रचा ।

ओलंपिक में भारोत्तोलन में सिडनी ओलंपिक 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक के बाद भारत का यह पहला पदक था।

भारत के लिये भारोत्तोलन में चुनौती पेश करने वाली मीराबाई अकेली थी । वहीं भविष्य का सितारा माने जा रहे जेरेमी लालरिंनुंगा के लिये यह साल मिला जुला रहा ।

वह 67 किलोवर्ग में एशियाई चैम्पियनशिप के दौरान घुटने में लगी चोट के कारण ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके ।

मिजोरम के इस युवा ने हालांकि साल के आखिर में राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता । उन्होंने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 के लिये भी क्वालीफाई कर लिया । मई में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले अचिंता शेउली (73 किलो) ने भी क्वालीफाई किया ।

अजय सिंह (81 किलो) और पूर्णिमा पांडे (प्लस 87 किलो) ने भी स्वर्ण पदक जीते ।

राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में सात राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ 18 पदक जीतने वाले भारतीय भारोत्तोलक विश्व चैम्पियनशिप में इसे दोहरा नहीं सके ।

इस बीच डोपिंग, रिश्वतखोरी, मतदान में हेराफेरी और उच्चतम स्तर पर भ्रष्टाचार के मामलों पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कार्रवाई करते हुए ओलंपिक से भारोत्तोलन को हटाने की धमकी दी है । लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 की प्रारंभिक सूची में भारोत्तोलन नहीं है । इस सूची को फरवरी में आईओसी सदस्यों के सामने मंजूरी के लिये रखा जायेगा।

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Web Title: Mirabai's silver medal in Tokyo, but Olympic weightlifting future uncertain

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