विश्व चैम्पियनशिप में कड़ी चुनौती से निपटना होगा भारतीय युवा पहलवानों को, अंशु और सरिता से उम्मीदें

By भाषा | Updated: October 1, 2021 19:25 IST2021-10-01T19:25:08+5:302021-10-01T19:25:08+5:30

Indian young wrestlers will have to deal with a tough challenge in the World Championship, hopes from Anshu and Sarita | विश्व चैम्पियनशिप में कड़ी चुनौती से निपटना होगा भारतीय युवा पहलवानों को, अंशु और सरिता से उम्मीदें

विश्व चैम्पियनशिप में कड़ी चुनौती से निपटना होगा भारतीय युवा पहलवानों को, अंशु और सरिता से उम्मीदें

ओस्लो (नार्वे), एक अक्टूबर भारतीय कुश्ती दल के युवा पहलवान शनिवार से यहां शुरू होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में स्टार खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में बड़े मंच का अनुभव हासिल करने की कोशिश करेंगे जबकि अंशु मलिक के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें लगी होंगी।

बजरंग पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगाट और दीपक पूनिया जैसे स्टार चोटिल होने या फिर तैयारी की कमी के कारण टीम में शामिल नहीं हैं।

इनकी अनुपस्थिति में युवा पहलवान जैसे रविंदर दहिया (61 किग्रा), रोहित (65 किग्रा), यश तुशीर (74 किग्रा), पृथ्वीराज बासाहेब पाटिल (92 किग्रा) और अनिरूद्ध गुलिया (125 किग्रा) के पास जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में प्रभाव छोड़ने के बाद सीनियर स्तर की विश्व चैम्पियनशिप में अनुभव हासिल करने का अच्छा मौका होगा।

लेकिन अंशु मलिक (57 किग्रा) से काफी उम्मीदें लगी होंगी जो इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में एकमात्र पहलवान हैं जो तोक्यो ओलंपिक में खेली थीं। वह ट्रायल्स में थोड़ी धीमी दिख रही थीं लेकिन वह काफी कड़ी मेहनत करने वाली पहलवान है जिससे उनके अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

सीनियर सर्किट पर पहुंचने के बाद उन्होंने छह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में से एक ओलंपिक खेलों को छोड़कर पांच में पोडियम स्थान हासिल किया है।

वह जानती है कि उसे किस तरह के प्रदर्शन की जरूरत है और अगर वह पदक जीतने में सफल रहती है तो वह 57 किग्रा में अपना स्थान पक्का कर लेगी।

सरिता मोर भी महिला टीम में एक अनुभवी पहलवान है। वह जानती हैं कि इस स्तर पर पदक जीतने के लिये क्या चाहिए होता है और वह ट्रायल्स के दौरान मजबूत दिख रही थी।

सरिता ने एशियाई स्तर पर खिताब जीते हैं लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में हमेशा जूझती नजर आयी हैं। उन्होंने सीनियर स्तर पर पांच और एक बार अंडर-23 स्तर पर प्रयास किये लेकिन पोडियम राउंड के करीब नहीं पहुंच सकी।

यह देखना दिलचस्प होगा कि संगीता फोगाट कैसा प्रदर्शन करती हैं जिन्होंने वापसी में खुद की उम्मीदों से बढ़कर टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई किया। हालांकि यह उनके लिये आसान नहीं होगा जो चोट के बाद वापसी कर रही हैं।

तोक्यो ओलंपिक से चूकीं दिव्या काकरान भी खुद को साबित करने के लिये बेताब होगी। वह 68 किग्रा के बजाय 72 किग्रा में भाग लेगी। अनुभवी रितु मलिक 68 किग्रा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

इनके अलावा भारतीय टीम में युवा हैनी (50 किग्रा), पूजा जाट (53 किग्रा) और भटेरी (65 किग्रा) शामिल हैं।

पुरूष टीम भी पूरी तरह से नयी है। केवल सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) ही अनभुवी पहलवान हैं जबकि अन्य के लिये सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में पहला प्रयास होगा।

शुभम 57 किग्रा में अच्छी संभावना होते लेकिन वह डोप परीक्षण में फेल हो गये और उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

अगर ग्रीको रोमन शैली के पहलवान कुछ दौर में जीत दर्ज कर लेते हैं तो भारतीय दल के लिये यह बोनस होगा क्योंकि वे लंबे समय से जूझ रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Indian young wrestlers will have to deal with a tough challenge in the World Championship, hopes from Anshu and Sarita

अन्य खेल से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे