फिनलैंड के खिलाफ डेविस कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा भारत को

By भाषा | Updated: September 16, 2021 19:15 IST2021-09-16T19:15:27+5:302021-09-16T19:15:27+5:30

India will have to give their best in Davis Cup against Finland | फिनलैंड के खिलाफ डेविस कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा भारत को

फिनलैंड के खिलाफ डेविस कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा भारत को

एस्पू (फिनलैंड), 16 सितंबर भारत के एकल खिलाड़ियों को शुक्रवार से शुरू हो रहे डेविस कप विश्व ग्रुप वन मुकाबले में फिनलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा ।

प्रजनेश गुणेश्वरन और रामकुमार रामनाथन को बड़े मैच खेलने का अनुभव है । उन्होंने बेहतर खिलाड़ियों के खिलाफ खेला है लेकिन अब करीबी मुकाबले खेलने से आगे बढने की जरूरत है । उन्हें बड़े मैच जीतने होंगे ताकि भारत अगले साल क्वालीफायर में जगह बना सके ।

प्रजनेश (165वीं रैंकिंग) भारत के लिये शुरूआत करेंगे और पहले मैच में उनका सामना ओटो विर्तानेन (419वीं रैंकिंग) से होगा। भारत के लिये इस मैच में जीत हासिल करके बढ़त बनाने का अच्छा मौका होगा क्योंकि प्रजनेश इसमें बेहतर खिलाड़ी हैं।

अपनी प्रतिभा के बूते प्रजनेश जीत के करीब पहुंच जाते हैं लेकिन उनमें बढ़त को गंवाने की प्रवृति है जैसे वह क्रोएशिया के खिलाफ पिछले मुकाले में बोर्ना कोरिच के खिलाफ मैच को गंवा बैठे थे।

शायद यह भारत की ओर से खेलने का दबाव हो लेकिन चेन्नई के इस खिलाड़ी ने कहा कि ऐसा नहीं है।

प्रजनेश ने पीटीआई से कहा ,‘‘ अच्छे खिलाड़ियों के खिलाफ मुकाबले करीबी रहते हैं । मैने उनके खिलाफ जीते भी हैं और हारे भी । करीबी मुकाबलों का नतीजा कुछ भी निकल सकता है । भारत के लिये खेलते हुए कोई दबाव नहीं होता । कई बार दबाव अधिक होता है और कई बार कम । यह इस पर निर्भर करता है कि आप उसका सामना कैसे करते हैं ।’’

रामकुमार अगर 2014 अमेरिकी ओपन चैम्पियन क्रोएशिया के मारिन सिलिच के खिलाफ पिछले मैच में किये गए प्रदर्शन को दोहरा सके तो भारत यह मुकाबला जीत सकता है ।

भारत के दूसरी रैंकिंग वाले खिलाड़ी रामकुमार का सामना दिन के दूसरे मैच में फिनलैंड के नंबर एक खिलाड़ी एमिल रूसुवुओरी से होगा जो विश्व रैंकिंग में 74वें स्थान पर है ।

लिएंडर पेस और महेश भूपति के दौर में युगल मुकाबला भारत के लिये जीता हुआ माना जाता रहा है लेकिन अब हालात बदल गए हैं । रोहित बोपन्ना (44) के पास अनुभव है लेकिन उन्हें एक टीम के रूप में दिविज शरण (86) के साथ अच्छा प्रदर्शन करना होगा । उनका सामना हेनरी कोंटिनेन और हैरी हेलिओवारा जैसी कठिन टीम से है ।

बोपन्ना और शरण ने एकमात्र मुकाबला साथ में मार्च 2019 में इटली के खिलाफ खेला है । बोपन्ना अब तक पेस या सााकेत माइनेनी के साथ खेलते आये हैं ।

अब देखना यह होगा कि कप्तान रोहित राजपाल बोपन्ना के साथ शरण या माइनेनी में से किसे उतारते हैं । राजपाल का मानना है कि हालात पूरी तरह से मेजबान के अनुकूल नहीं हैं क्योंकि कोर्ट पर उछाल कम है । इसका फायदा भारतीय खिलाड़ियों को मिल सकता है ।

राजपाल ड्रा से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि हमारा नंबर एक खिलाड़ी मुकाबले की शुरूआत कर रहा है। अगर प्रजनेश अपनी क्षमता के अनुसार खेलता है तो हम 1-0 से बढ़त बना लेंगे और फिर उनका नंबर एक खिलाड़ी दबाव में आ जायेगा इसलिये हम ड्रा से खुश हैं।

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