हैं मेलबर्न, 13 फरवरी (एपी) दर्शकों के बिना खेले जा रहे ऑस्ट्रेलियाई ओपन के मैचों में कोच और स्पोर्टस्टाफ खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई कर रहे हैं तो वही परिसर में कैमरों के शटर और बॉल किड्स (खिलाड़ियों को गेंद वापस करने वाले बच्चे) के दौड़ने से होने वाली जूतों की आवाज गूंज रही है।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन के लिए बने पृथकवास होटल में कोरोना संक्रमण का मामला आने के बाद विक्टोरिया प्रदेश सरकार ने शनिवार से लॉकडाउन लागू किया है जिसके कारण साल के पहले ग्रैंड स्लैम का आयोजन दर्शकों के बिना हो रहा है।
जब यह टूर्नामेंट शुरू हुआ था तब स्टेडियम की क्षमता के 50 प्रतिशत दर्शकों की मंजूरी दी गयी थी लेकिन कोविड-19 का मामला मिलने के बाद स्टेडयम में खिलाड़ी और अधिकारियों के अलावा बस फोटोग्राफर्स है जिनके कैमरे के शटर की आवाज पूरे परिसर में गूंज रही है।
कैमरे के शटर के अलावा यहां खिलाड़ियों के जूते और बॉल किड्स के जूते के आवाज साफ सुनी जा सकती है।
कोच और स्पोर्टस्टाफ की तालियां खिलाड़ियों का हैसला बढ़ा रहे है।
टूर्नामेंट के शुरूआती पांच दिनों में ऐसा लगा कि स्थिति महामारी से पहले जैसी हो गयी है लेकिन अब चीजें बदल गयी है।
पांचवीं वरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी एलिना स्वितोलिना ने दर्शकों की मौजूदगी में खेलने के बाद खाली स्टेडियन में खेलने के बारे में पूछे जाने पर ‘परेशान’ और ‘कुछ हद तक दुखी’ करने वाला बताया।
उन्होंने शनिवार को तीसरे दौर में युलिना पुतिनत्सेवा से मैच की जीतने के बाद कहा, ‘‘ मैंने खुद को समझाने की कोशिश की कि यह एक ग्रैंड स्लैम है और हम एक महत्वपूर्ण मैच खेल रहे हैं।’’
कोविड-19 के कारण हालांकि खिलाड़ी भी दर्शकों के बिना खेलने के अभ्यस्त हो गये है । उन्हें हालांकि दर्शकों से मिलने वाली प्रोत्साहन की कमी खल रही है।
स्वितोलिना ने कहा, ‘‘ कुछ ऐसे पल होते है जब आप दर्शकों की तरफ देखते है। जब आपका थोड़े हतोत्साहित होते हैं, तो लगता है कि आप वहां अकेले है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों को दर्शकों से ऊर्जा मिलती है, उससे आपको मैच में वापसी करने में मदद मिल रही है।
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