लंदन, 10 जुलाई (एपी) इंग्लैंड की फुटबॉल टीम रविवार को जब यूरो फाइनल 2020 मुकाबले में पिछले 33 मैचों से अजेय रही इटली के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश 55 साल के खिताबी सूखे को खत्म करने की होगी।
इंग्लैंड 1966 में विश्व चैम्पियन बना था और टीम उसके बाद किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने में नाकाम रही है। फाइनल में उनके सामने यूरोप की सबसे सफल टीमों में से एक है जिसने विश्व कप का खिताब चार बार जीता है।
इटली के अनुभवी डिफेंडर जियोर्जियो चिलिनी ने कहा कि देश के लिए ट्रॉफी जीतने का दबाव आपके और टीम के लिए प्रेरणा हो सकता है। यह करियर के आखिरी पड़ाव पर और अधिक प्रेरणदायी होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘शायद 36 साल की उम्र में आप इसके महत्व को और अधिक महसूस करते हैं। आप जानते है कि यह कितना कठिन है और इसमें कितनी मेहनत करनी होती है।’’
इटली की चार विश्व कप जीत में से आखिरी सफलता 2006 में मिली थी। चिलिनी ने उससे पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण कर लिया था लेकिन वह विश्व कप की टीम का हिस्सा नहीं थे। टीम का हालांकि यूरोपीय चैम्पियनशिप में प्रदर्शन उतना दमदार नहीं रहा है, जहां उन्होंने इकलौता खिताब 1968 में जीता।
इटली का टूर्नामेंट का पिछला रिकॉर्ड हालांकि इंग्लैंड से बेहतर रहा है। हाल के वर्षों में टीम दो बार 2000 और 2012 में फाइनल में पहुँचने में सफल रही है। इंग्लैंड इस खिताब के इतने करीब पहली बार पहुंचा है।
महामारी के कारण लंदन की यात्रा पर प्रतिबंध होने के कारण वेम्बली स्टेडियम में स्थानीय दर्शकों की संख्या ज्यादा होगी। मैच के लिए 66,000 दर्शकों को अनुमति मिली है जो 1966 के बाद अपनी राष्ट्रीय टीम (इंग्लैंड) के सबसे सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल क्षण को देखेंगे। टीम 1966 में जब विश्व विजेता बनी थी तक कोच गैरेथ साउथगेट का जन्म भी नहीं हुआ था।
यूरो 2020 जीतना साउथगेट के लिए पुरानी चूक को सुधारने का मौका भी होगा। 1996 में वह जर्मनी के खिलाफ पेनल्टी को गोल में बदलने से चूक गये थे, जिससे इंग्लैंड को फाइनल में जगह बनाने का मौका नहीं मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पता है कि अगर हम इसे अभी नहीं जीतते हैं तो यह मेरे और बाकी सहयोगी सदस्यों और खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम इसे जीत सकते हैं, लेकिन हमें इसे जीतने के लिए जगह बनानी होगी। मैंने खिलाड़ियों से कहा है कि लोग हमारा सम्मान कर रहे हैं कि हमने सही तरीके से देश का प्रतिनिधित्व किया है लेकिन अब आपके पास यह विकल्प है कि कौन से रंग का पदक हासिल करते हैं।’’
इटली ने 2018 विश्व कप के लिए भी क्वालीफाई नहीं किया था, लेकिन तब से कोच रॉबर्टो मैनसिनी के नेतृत्व में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और 33 मैचों में अजेय है।
चिलिनी ने कहा, ‘‘शुरुआत में, जब उन्होंने (कोच) हमसे कहा कि हमारे दिमाग में यूरो जीतने का विचार है, तो हमें लगा कि वह पागल हैं। लेकिन उन्होंने इन वर्षों में ऐसी टीम तैयार की जो खिताब से एक कदम दूर है।’’
इटली को चैम्पियन बनने के लिए इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन को रोकने के साथ उनकी रक्षापंक्ति को छकना होगा। इंग्लैंड के खिलाफ यूरो 2020 के छह मैचों में सिर्फ एक गोल हुआ है।
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