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अबू धाबी में फॉर्मूला 4 यूएई चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करता बेंगलुरु से डायोन गौड़ा

By अनुभा जैन | Updated: January 17, 2024 12:51 IST

कार दौड़ाने से शरीर पर असर पड़ता है क्योंकि स्टीयरिंग व्हील भारी होता है और ब्रेक दबाना मुश्किल होता है।

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बेंगलुरु: कर्नाटक बेंगलुरु का 16 वर्षीय लड़का डायोन गौड़ा अबू धाबी में फॉर्मूला 4 यूएई चैंपियनशिप में प्रेमा रेसिंग इटालियन मोटरस्पोर्ट्स टीम के सहयोग से मुंबई फाल्कन्स मोटरस्पोर्ट्स टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा है। 15 से 17 वर्ष की आयु वर्ग के 35 ड्राइवरों के साथ, डायोन ने ब्रिटिश एफ-4 चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा की में चौथे स्थान पर रहते हुये चार जीत, छह पोडियम फिनिश और तीन पोल पोजीशन हासिल की। अंततः, उनका लक्ष्य एफ-1 चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

डायोन ने 2023 फॉर्मूला 4 यूएई चैंपियनशिप में पदार्पण किया और अपने पहले अंक हासिल किए, और फिर ब्रिटिश एफ-4 चैंपियनशिप में चले गए, जहां वह शुरू से ही प्रतिस्पर्धी थे। 2024 अबू धाबी चैंपियनशिप में, अगले एक या दो महीनों में पांच राउंड होंगे और हर राउंड में तीन व्यक्तिगत दौड़ और दो क्वालीफाइंग दौड़ होंगी।

आज यूरोपीय रेसिंग में एक स्थापित नाम के रूप में प्रसिद्ध, डायोन का जन्म बेंगलुरु में हुआ था, लेकिन रेसिंग में अपने करियर के लिए वह सिंगापुर और बाद में यूके चले गए। नौ साल की उम्र में कार्टिंग के लिए गए डायोन को ड्राइविंग में बेहद मजा आया और अंततः उन्होने रेसिंग में अपना करियर बनाय।

टेलीविजन पर लुईस हैमिल्टन जैसे फॉर्मूला 1 सितारों को देखकर प्रेरित होकर, उन्होंने सिंगापुर के कार्ट ट्रैक का दौरा किया। डायोन ने जल्द ही कार्टिंग की कैडेट (मिनी 60) और मिनी आरओके श्रेणियों में ड्राइविंग के लिए एक प्राकृतिक प्रतिभा की खोज की, और अपने परिवार के समर्थन से, फॉर्मूला 1 ड्राइवर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए लंदन चले गए। कुशल कार्टिंग अनुभव के बाद इस भारतीय रेसर ने 2022 में सिंगल-सीटर्स की ओर कदम बढ़ाया।

उन्होंने एशिया में दौड़, एशियाई चैम्पियनशिप और कई अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लिया। डायोन ने बात करते हुये बताया, “हर छोटा प्रतिशत मायने रखता है। मेरा लक्ष्य 2024 में इटालियन और यूएई एफ-4 चैंपियनशिप जीतना है।

कार दौड़ाने से शरीर पर असर पड़ता है क्योंकि स्टीयरिंग व्हील भारी होता है और ब्रेक दबाना मुश्किल होता है। 17-18 लैप्स करने वाले रेसर को लंबे समय तक गहन फोकस की आवश्यकता होती है। बेहतर रेसर बनने और दुर्घटनाओं से बचने के लिए मैं विशिष्ट प्रशिक्षण करता हूं।’’

टॅग्स :UAEबेंगलुरुBengaluru
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