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बीएआई ने आईओए को पत्र लिखकर ओलंपिक के लिए गोपीचंद सहित चार कोचों को स्वीकृति देने की मांग की

By भाषा | Updated: June 8, 2021 19:05 IST

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नयी दिल्ली, आठ जून भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को पत्र लिखकर तोक्यो ओलंपिक के लिए जाने वाले भारतीय बैडमिंटन दल के साथ मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद सहित चार कोच और दो फिजियो को जाने की स्वीकृति देने की मांग की है।

पिछले तीन ओलंपिक में शिरकत करने वाले गोपीचंद के अलावा तीन विदेशी कोचों आगुस ड्वी सेंतोसो (इंडोनेशिया), पार्क तेई सेंग (कोरिया) और माथियास बो (डेनमार्क) के अलावा दो फिजियो सुमांश सिवालांका और इवांग्लिन बेडेम (महिला) के नाम को स्वीकृति देने की मांग पत्र में की गई है।

बीएआई के एक सूत्र ने पीटीआई को नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘तोक्यो में बैडमिंटन में पदक जीतने का सर्वश्रेष्ठ मौका होगा और इस संबंध में सोमवार को आईओए को पत्र भेजा गया जिसमें चार खिलाड़ियों के साथ छह सदस्यीय सहयोगी टीम का जिक्र है जिसमें मुख्य कोच गोपीचंद का नाम भी है। ’’

रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू, विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता बी साई प्रणीत और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की 10वें नंबर की पुरुष युगल जोड़ी 23 जुलाई से होने वाले तोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुकी है।

नियमों के अनुसार ओलंपिक के लिए यात्रा करने वाले अधिकारियों की संख्या खिलाड़ियों की संख्या की एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकती। खेल मंत्रालय हालांकि अतिरिक्त अधिकारियों को स्वीकृति दे सकता है लेकिन सरकार उनका खर्चा नहीं उठाएगी।

ओलंपिक से पहले सिंधू पार्क के मार्गदर्शन में गचीबाउली इंडोर स्टेडियम में ट्रेनिंग कर रही हैं जबकि सेंतोसो प्रणीत के साथ काम कर रहे हैं। बो को चिराग और सात्विक के साथ काम करने के लिए नियुक्त किया गया है।

बीएआई ने आईओए को पत्र लिखने से पहले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की नजरिया जाना था।

गोपीचंद के मार्गदर्शन में भारत ने लंदन और रियो डि जिनेरियो में पिछले दो ओलंपिक में कांस्य और रजत पदक जीता।

मुख्य कोच ने हालांकि पिछले हफ्ते कथित तौर पर कहा था कि शायद इस बाद वह तोक्यो नहीं जाएं।

उन्होंने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान, ‘‘यह काफी मुश्किल होगा क्योंकि टीम के साथ सिर्फ एक तिहाई सहयोगी स्टाफ ही जा सकता है... मैं तोक्यो के लिए नहीं जाने के बारे में सोच रहा हूं क्योंकि मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे कोचों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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