लाइव न्यूज़ :

एशियाई चैंपियनशिपः बेटियों ने छुड़ाए छक्के, पहलवान पिंकी, सरिता मोर और दिव्या काकरान ने जीते गोल्ड

By भाषा | Updated: February 20, 2020 20:54 IST

सरिता से पहले पिंकी (55 किग्रा) और दिव्या काकरान (68 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते। वर्ष 2017 में 58 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतने के बाद पहले एशियाई प्रतियोगिता में खेल रही सरिता ने अपने पहले दो मुकाबलों में कजाखस्तान की मदीना बाकरजिनोवा और किर्गिस्तान की नजीरा मार्सबेकजी को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया और फिर जापान की यूमी कोन को 10-3 से शिकस्त दी।

Open in App
ठळक मुद्देपिंकी ने 55 किग्रा फाइनल में मंगोलिया की डुलगुन बोलोरमा को हराकर स्वर्ण पदक जीता।पिंकी ने केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में बोलोरमा को 2-1 से हराया।

दिव्या काकरान, सरिता मोर और पिंकी ने गुरुवार को यहां अपने वजन वर्गों में स्वर्ण पदक अपने नाम किये जिससे भारत ने एशियाई चैम्पियनशिप की महिला स्पर्धाओं में पहले दिन दबदबा बनाया।

मेजबानों के लिये दिन यादगार रहा जिसमें भारतीय पहलवान पांच में से चार के फाइनल में पहुंची और दिव्या (68 किग्रा), पिंकी (55 किग्रा) और सरिता (59 किग्रा) ने शीर्ष स्थान हासिल किया। निर्मला देवी को 50 किग्रा में रजत पदक से संतोष करना पड़ा जबकि किरण (76 किग्रा) ही एकमात्र पहलवान रहीं जो पदक हासिल नहीं कर सकीं।

हालांकि चीन और कोरियाई पहलवानों की अनुपस्थिति में और जापान के अपने सर्वश्रेष्ठ पहलवानों को नहीं भेजने से टूर्नामेंट में चुनौती थोड़ी कमजोर पड़ गयी थी। इससे पहले भारत के लिये सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप महिला सपर्धा में एकमात्र स्वर्ण नवजोत कौर ने हासिल किया था जिन्होंने 2018 में किर्गिस्तान के बिशकेक में 65 किग्रा का खिताब जीता था।

जकार्ता एशियाई खेलों का कांस्य पदक जीतने वाली दिव्या ने मजबूत प्रदर्शन किया और अपने सारे मुकाबले प्रतिद्वंद्वियों को चित करके जीते जिसमें जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन नरूहा मातसुयुकी को हराना भी शामिल रहा। दिव्या ने पांच पहलवानों के 68 किग्रा वर्ग में अपने सभी चार मुकाबले जीते जो राउंड रोबिन प्रारूप में खेला गया। उन्होंने पहले कजाखस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को पस्त किया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को पराजित किया।

मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ उनका डिफेंस कुछ कमजोर दिखा लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल रहीं। तीसरे दौर में दिव्या का सामना उज्बेकिस्तान की एजोडा एसबर्जेनोवा से था और उन्होंने 4-0 की बढ़त बनाने के बाद अपनी प्रतिद्वंद्वी को महज 27 सेकेंड में मात दी।

जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन के खिलाफ दिव्या ने 4-0 की बढ़त हासिल कर ली। जापानी पहलवान ने दूसरे पीरियड में मजबूत शुरूआत की और भारतीय पहलवान के बायें पैर पर हमला किया लेकिन उन्होंने अंक दायें पैर पर आक्रमण से जुटाये जिससे स्कोर 4-4 हो गया।

दिव्या ने हालांकि फिर प्रतिद्वंद्वी को चित कर दिया। इसके बाद वह मैट से उतरकर कोचों के साथ जश्न मनाने लगी जिसके बाद रैफरी ने अधिकारिक रूप से उन्हें 6-4 से विजेता घोषित किया। उन्होंने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मुझे पांच अंक जुटाने के लिये अपने सभी मैचों में चित करके जीत हासिल करनी थी क्योंकि जापान की पहलवान अपने सभी मुकाबले बड़े अंतर से जीत रही थी इसलिये बड़ी जीत के लिये मैंने जोखिम लिया। ’’

चीन की पहलवानों की अनुपस्थिति से मदद मिली तो उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘हां, इससे फायदा मिला। लेकिन अगर मुकाबला पांच पहलवानों के बीच होता है तो यह और मुश्किल हो जाता है, आपको हर मुकाबले में बड़ी जीत हासिल करनी होती है। मैंने दो घंटे के अंदर चार मुकाबले जीते। हालांकि शारीरिक रूप से यह मुश्किल था लेकिन अच्छी चीज है कि मैंने सही तरह से आक्रमण किया। ’’ सरिता 2017 में 58 किग्रा में रजत पदक जीतने के बाद अपनी पहली एशियाई प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। उन्होंने कजाखस्तान की मदीना बाकबेरजेनोवा और किर्गिस्तान की नाजिरा मार्सबेकिजी के खिलाफ अपने पहले दो मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीते।

इसके बाद उन्होंने जापान की युमी कोन पर 10-3 से जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने फाइनल में मंगोलिया की बातसेतेग अटलांटसेतसेग को 3-2 से हराया। वह स्कोर बराबरी के बाद अंक जुटाकर इस प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक जुटाने में सफल रहीं। पहली बार सीनियर एशियाई प्रतियोगिता में भाग ले रहीं पिंकी ने उज्बेकिस्तान की शोकिदा अखमेदोवा को चित करके शुरूआत की और फिर अगले मुकाबले में जापान की काना हिगाशिकावा को पराजित किया।

फिर उन्होंने सेमीफाइनल में मारिना जुयेवा को 6-0 से हराया। उन्होंने मंगोलिया की डुलगुन बोलोरमा पर 2-1 की जीत से स्वर्ण पदक हासिल किया। पिंकी ने कहा, ‘‘मैं थोड़ी सतर्क थी क्योंकि मैं अपनी कोहनी चोटिल करा बैठी थी। मैं इसे बढ़ाना नहीं चाहती थी क्योंकि आगे और अधिक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट हैं। ’’ निर्मला देवी जापान की मिहो इगाराशी से 2-3 से हार गयी जिससे उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा। उन्होंने मंगोलिया की मुंखनार बाईयाम्बासुरेन को 6-4 और उज्बेकिस्तान की दौलेतबाइक याखशिमुरातोवा पर तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की थी।

टॅग्स :रेसलिंगदिल्लीहरियाणा
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्ट20 साल की नर्सिंग छात्रा की गला रेतकर हत्या, पिता ने कहा-महेंद्रगढ़ के उपेंद्र कुमार ने बेटी का अपहरण कर किया दुष्कर्म और लाडो को मार डाला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!