शिवसेना की चुनावी घोषणा, झुनका भाकर ने किया था मालामाल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 12, 2019 02:08 IST2019-10-12T02:07:06+5:302019-10-12T02:08:47+5:30

वर्ष 2009 में शिवसेना ने चुनावों को देखते हुए ‘शिव वड़ा पाव’ योजना की घोषणा की. इसके चलते मुंबई में जगह-जगह शिवसैनिकों ने ‘शिव वड़ा पाव’ के ठेले लगाए.

Shiv Sena's election announcement, Jhunka Bhakar did the rich | शिवसेना की चुनावी घोषणा, झुनका भाकर ने किया था मालामाल

शिवसेना की चुनावी घोषणा, झुनका भाकर ने किया था मालामाल

Highlightsसत्ता में काबिज होने के लिए पार्टियां मतदाताओं को लुभाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़तीं.शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी चुनाव के पहले गरीब याद आ रहे हैं

प्रमोद गवली, मुंबई। सत्ता में काबिज होने के लिए पार्टियां मतदाताओं को लुभाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़तीं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी चुनाव के पहले गरीब याद आ रहे हैं. उन्होंने 10 रुपए में भोजन की थाली उपलब्ध कराने की घोषणा की है. इसी दौरान महज एक रुपए में स्वास्थ्य जांच सुविधा मुहैया कराने की घोषणा भी की.

इसमें कोई संदेह नहीं कि चुनावी मौसम में इस तरह की घोषणाओं का करना शिवसेना के लिए फायदे की बात साबित हो सकती है. इन घोषणाओं ने उन दो योजनाओं की याद दिला दी, जो शिवसेना ने सालों पहले की थी. आज उन योजनाओं का कोई नामलेवा नहीं बचा. शिवसेना की ओर से करीब 24 साल पहले 1995 में ‘झुनका भाकर’ योजना शुरू की गई थी. उन दिनों मात्र एक रुपए में सब्जी-रोटी लोगों को मुहैया कराई गई थी. हालांकि बाद में दो रुपए से लेकर पांच रुपए तक वसूले गए. सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी से फटेहाल शिवसैनिक अचानक चार पहिया वाहनों में चलने लगे थे. यह बात किसी से छिपी नहीं थी.

इस महत्त्वाकांक्षी योजना को चलाना उन दिनों इसलिए संभव हो पाया था क्योंकि वह सरकार शिवसेना की थी. मुख्यमंत्री उसका था. कोई भी फैसला करना उसके लिए आसान था. इस बहाने सैकड़ों शिवसैनिकों को रोजगार मिला था, लेकिन बाद के दिनों में देखा गया कि जो जगह झुनका भाकर केंद्रों के लिए दी गई थी वहां छोटे होटल खुल गए हैं! कुल मिलाकर हुआ यह था कि शिवसेना के नेताओं ने उन स्थानों पर कब्जा कर लिया था. हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं कि इस योजना से हजारों लोगों को सस्ता खाना मिल रहा था.

वर्ष 1999 में यूपीए की सरकार आने के बाद उसने यह योजना बंद कर दी.वर्ष 2009 में शिवसेना ने चुनावों को देखते हुए ‘शिव वड़ा पाव’ योजना की घोषणा की. इसके चलते मुंबई में जगह-जगह शिवसैनिकों ने ‘शिव वड़ा पाव’ के ठेले लगाए. इसे रोजगार का नाम दिया गया. उन दिनों वड़ा पाव योजना इन दिनों की ‘पकौड़ा’ योजना जैसी हुआ करती थी. जगह-जगह शिव वड़ा देखकर आखिरकार अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा. उसने बीएमसी को इन ठेलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए. अब मुंबई कहीं-कहीं शिव वड़ा पाव नजर आता है.
वर्ष 2014 में मोदी लहर और कांग्रेस विरोधी माहौल के चलते शिवसेना ने कोई लोकप्रिय घोषणा नहीं की थी. इस बार वह भाजपा से अपने-आपको अलग दिखाना चाहती है. इसी कारण 10 रु. की थाली की योजना की घोषणा की गई है.

पांच साल तक क्या किया: पवार

इस बारे में राकांपा नेता अजीत पवार ने टिप्पणी करते हुए शिवसेना से पूछा है कि इन योजनाओं की घोषणा अभी क्यों की गई? पांच साल सरकार में थे. तब तक क्यों नहीं की गई?

Web Title: Shiv Sena's election announcement, Jhunka Bhakar did the rich

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