संजय राउत का BJP नेता मुनगंटीवार पर तंज, अच्छी खबर मतलब शिवसेना का मुख्यमंत्री
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 7, 2019 08:37 AM2019-11-07T08:37:11+5:302019-11-07T08:37:11+5:30
पिछले दो दिन से मुनगंटीवार और अन्य नेता भाजपा की ओर से सक्रिय हो गए हैं, लेकिन संजय राउत सभी को कड़ा जवाब दे रहे हैं.
बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार के यह कहे जाने पर कि मीडिया को जल्द ही अच्छी खबर दी जाएगी, शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि अच्छी खबर यही है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा. राउत ने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने तक उद्धव ठाकरे चैन से नहीं बैठेंगे.
राउत ने बार-बार यह जता दिया है कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि भाजपा की ओर से सरकार बनाने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है. प्रस्ताव को लेकर दी जाने वाली खबरों में कोई दम नहीं है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को राज्यपाल के सामने 145 विधायकों की सूची रखनी चाहिए. यदि ऐसा होता है, तो हमें खुशी होगी. राज्य के सबसे बड़े दल को सरकार बनानी चाहिए. राज्य को अच्छी और स्थिर सरकारी दी जानी चाहिए.
महाराष्ट्र की राजनीति की धुरी बनकर उभरे गडकरी
भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही तनातनी के बीच केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की राजनीति की धुरी बनकर सामने आए हैं. गडकरी टिकट बंटवारे से लेकर सरकार बनाने की कश्मकश में मुख्यधारा से अलग थे, लेकिन जब सरकार के गठन की गुत्थी नहीं सुलझी तो अचानक वह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए अतिमहत्वपूर्ण शख्स के रूप में सामने आते दिखाई दिए.
यह संभवत: महाराष्ट्र की राजनीति में उनके कद का ही असर रहा कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल उनसे मिलने पहुंचे तो यह जानते हुए भी कि भाजपा और कांग्रेस अलग धुरी की राजनीतिक पार्टी है, सभी ने इसके राजनीतिक निहितार्थ निकालने शुरू कर दिए. यह चर्चा इतनी व्यापक और असरदार रही कि पटेल को सार्वजनिक बयान देना पड़ा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र के कार्य को लेकर उनसे मिलने गए थे. इसके अलावा उनकी कोई बात नहीं हुई है.
इसके पहले सभी राजनीतिक विश्लेषक तब हैरान हुए थे जब पहली बार सार्वजनिक रूप से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे. जानकारों का मानना है कि इस मुलाकात के दौरान शिवसेना को बातचीत के लिए आगे लाने पर चर्चा हुई थी. संभव है कि पहले ही यह योजना बनाई गई हो कि जब बात नहीं बने तो गडकरी को सामने लाया जाएगा.