मराठा आरक्षण संशोधन विधेयक पारित, शिक्षा 12% और सरकारी नौकरी में 13% मिलेगा कोटा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 2, 2019 07:40 AM2019-07-02T07:40:59+5:302019-07-02T07:40:59+5:30
मराठा समुदाय को सामाजिक एवं आर्थिक आरक्षण (एसईबीसी) कानून में संशोधन करने वाले विधेयक को सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों ने एकराय से मंजूरी मिल गई.
शैक्षिक क्षेत्र में 12% और नौकरियों में 13% आरक्षण - विधानसभा में विधेयक पारित मुंबई। 1 जुलाई। राज्य सरकार ने आनन-फानन आज शाम को मराठा आरक्षण को लेकर संशोधन विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया और उसे पारित भी करा लिया. अब उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मराठा समाज को शैक्षिक क्षेत्र में प्रवेश के लिए 12 प्रतिशत और सार्वजनिक नौकरियों में 13 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा.
गत 27 जून को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को दिए गए आरक्षण को वैध जरूर करार दिया, लेकिन जिस प्रतिशत में वह दिया जा रहा था, उसे मंजूर नहीं किया. अदालत ने ही सरकार को सुझाया कि 12 से 13 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है. इसलिए सरकार को मूल आरक्षण विधेयक (क्रमांक 40) में संशोधन करना जरूरी हो गया था.
इसके चलते राज्य के महाधिवक्ता की सलाह पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में एसईबीसी वर्ग (मराठा समाज) के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 प्रस्तुत किया, जिसे बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया. इस संशोधन विधेयक के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं- उच्च न्यायालय ने एसईबीसी वर्ग को उचित मानते हुए आरक्षण कानून को वैध करार करार दिया. अदालत ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को राज्य सरकार द्वारा स्वीकारे जाने को वैध माना है.
साथ ही, आरक्षण कानून को भी वैध माना है, लेकिन 16 प्रतिशत आरक्षण को स्वीकार नहीं किया. अदालत के ऑपरेटिव ऑर्डर में इस आरक्षण को रद्द कर दिया गया है, इसलिए तकनीकी पेंच फंस गया था. नए सिरे से आरक्षण देने के लिए संशोधन विधेयक पारित करना जरूरी हो गया था.
राज्य के महाधिवक्ता और अन्य विधि विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद संशोधन विधेयक लाया गया. अब मराठा समाज को शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश के लिए 12 फीसदी और राज्य सरकार की नौकरियों में 13 फीसदी आरक्षण लागू हो जाएगा. इस विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर होने बाकी हैं.