मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार को एलओपी के रूप में नामित किया गया है। कांग्रेस आलाकमान ने सीएलपी नेता बालासाहेब थोराट को सूचित किया है कि वडेट्टीवार का नाम एलओपी पद के लिए प्रस्तावित किया जाए। पिछले कुछ महीनों में राज्य की राजनीति में कई घटनाक्रम हुए हैं।
सत्ता संघर्ष में एनसीपी ने भी अजित पवार के नेतृत्व में बगावत कर बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल होने का फैसला किया। इसमें अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने, जबकि एनसीपी के 9 अन्य विधायक मंत्री बने।राज्य में नेता प्रतिपक्ष का पद पिछले कुछ दिनों से खाली पड़ा हुआ था।
अब वहां कांग्रेस नेता की नियुक्ति की जायेगी। कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष पद के लिए विजय वडेट्टीवार का नाम तय किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ब्रम्हपुरी विधायक विजय वडेट्टीवार दूसरी बार राज्य में विपक्ष के नेता चुने जा रहे हैं। इस बीच कुछ दिन पहले वडेट्टीवार ने खुद अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर यह खुशखबरी दी कि वह विपक्ष के नेता बनेंगे तो राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा शुरू हो गई।
अब कांग्रेस ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। इसलिए बालासाहेब थोराट को विधायक दल का नेता चुना गया है। अब कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजेगी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष के चुनाव की घोषणा करेंगे।
विजय वडेट्टीवार को 2014 से 2019 तक अपने कार्यकाल के आखिरी तीन महीनों के लिए विपक्ष के नेता बनने का मौका मिला था। उस समय राधाकृष्ण विखे पाटिल को ये मौका इसलिए मिला क्योंकि वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब दूसरी बार उन्हें विपक्ष का नेता बनने का मौका मिल रहा है. इसलिए देखा जा रहा है कि वडेट्टीवार का रुतबा कांग्रेस पार्टी में बढ़ गया है।
इस बीच, पहले विपक्ष के नेता का पद एनसीपी के पास था. लेकिन एनसीपी पार्टी में फूट के कारण शरद पवार की एनसीपी और उद्बाव ठाकरे की शिवसेना की ताकत कम रह गई है। अब कांग्रेस के पास संख्याबल ज्यादा है, तो अब नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस पार्टी के पास आ गया है और विजय वडेट्टीवार का नाम तय हो गया है।
महाराष्ट्र की 288-सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 45 विधायक हैं। राकांपा के 53 विधायक हैं। लेकिन टूट के बाद संख्या बल कम हो गया है। शिवसेना भी दो भागों में बंट गई है। महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रही है।