महाराष्ट्र में कोरोना से साये में कैसे मनाया जा रहा है इस बार गणेश चतुर्थी उत्सव, जानिए कैसी है तैयारी
By भाषा | Published: August 22, 2020 12:55 PM2020-08-22T12:55:01+5:302020-08-22T13:30:59+5:30
कोरोना संकट की वजह से महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश में इस साल सार्वजनिक पंडालों में और घरों में आयोजित होने वाली इस पूजा में भगवान गणेश की प्रतिमा की उंचाई को सीमित कर दिया गया है।
मुंबई: कोरोना वायरस महामारी और लोगों के आवागमन पर जारी प्रतिबंधों के बीच मुंबई एवं महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को दस दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत हुई, हालांकि इस साल इस त्यौहार में पारंपरिक धूमधाम का अभाव है।
महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है और कहा है कि भगवान गणेश की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा और इसके विसर्जन से पहले किसी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिये।
कोरोना के कारण महाराष्ट्र सरकार ने जारी किए हैं कई दिशा-निर्देश
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार इस बार पंडालों के लिए प्रतिमा की ऊंचाई अधिकतम चार फुट और घरों पर स्थापना के लिए अधिकतम दो फुट होनी चाहिए। इसके परिणाम स्वरूप घरों में, हाउसिंग सोसाइटियों में और सार्वजनिक पंडालों में गणपति की प्राण प्रतिष्ठा के लिये प्रतिमा खरीदने वाले लोगों की संख्या सीमित रही।
महामारी के कारण इस साल इस उत्सव को लेकर उत्साह अपेक्षाकृत कम है। उत्सव को सीमित किये जाने के कारण छोटे कारोबारों पर इसका असर हुआ है। इनमें फूल विक्रेता, मिठाई की दुकान, सजावट के सामान की दुकानें, आभूषणों की दुकानें एवं ट्रांसपोर्टर आदि शामिल हैं।
इस महामारी ने कई अन्य लोगों को भी प्रभावित किया है जिनमें कलाकार भी शामिल हैं। हालांकि, दादर जैसे कुछ लोकप्रिय बाजारों में पिछले दो दिन से बड़ी तादाद में लोग आये और उन्होंने सजावट और पूजा आदि के लिये जरूरी समानों की खरीदारी की।
लालबागचा राजा सहित कई बड़े पंडालों की चमक फीकी
मुंबई में लोकप्रिय सावर्जनिक गणेशोत्सव मंडल — लालबागचा राजा — ने इस साल महामारी को देखते हुये उत्सव को रद्द कर दिया है जबकि वडाला की जीएसबी सेवा समिति ने पूजा को अगले साल फरवरी में 'मेघ शुद्ध चतुर्थी' तक के लिये टाल दिया है।
जीएसवी सेवा समिति को मुंबई की सबसे धनी समितियों में गिना जाता है। इस साल महामारी के कारण पंडाल की सजावट हर बार की तरह देखने को नहीं मिल रही है और सांस्कृतिक कार्यक्रम की जगह जन जागरूकता कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
मुंबई एवं पास पड़ोस के क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। शनिवार की सुबह को भी बारिश जारी रही लेकिन लोग 'गणपति बाप्पा मोरया' के जयघोष के बीच गणपति की प्रतिमा लेने के लिये बाहर निकले। कुछ इलाकों में भगवान का स्वागत करने के लिये आतिशबाजी चलाई गयी।
उद्धव ठाकरे ने किया बप्पा का स्वागत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी अपने सरकारी आवास 'वर्षा' में भगवान गणेश का स्वागत किया। कुछ सेलिब्रिटीज एवं राजनेताओं ने भी अपने-अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की। भगवान की प्राण प्रतिष्ठा आज सुबह परंपरागत तरीके से की गयी।
इस बीच उत्सव को देखते हुये शहर में सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर दी गयी है। स्थानीय पुलिस के अलावा त्वरित कार्य बल की एक कंपनी, एसआरपीएफ की तीन कंपनी, स्थानीय सशस्त्र बल और दंगा नियंत्रण पुलिस की तैनाती की गयी है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये त्वरित आपदा बल, बम निरोधक दस्ता और आतंकवाद निरोधक प्रकोष्ठ को भी अलर्ट पर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पांच हजार सीसीटीवी कैमरों एवं ड्रोन की सहायता से पुलिस टीम घटनाओं की निगरानी करेगी। गणेश चतुर्थी के उत्सव को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। यह उत्सव भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।