भाजपा नेता खड़से और तावड़े ने कहा- फिर से हम सरकार बनाएंगे, पार्टी छोड़ने के बारे में नहीं सोचा
By भाषा | Updated: October 4, 2019 17:52 IST2019-10-04T17:52:15+5:302019-10-04T17:52:15+5:30
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री तावड़े ने कहा कि वह आत्मावलोकन कर रहे हैं कि उन्हें फिर से नामित क्यों नहीं किया गया। उन्होंने हालांकि कहा कि वह 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आत्मावलोकन कर रहा हूं कि मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया।
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव का टिकट न मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं एकनाथ खड़से और विनोद तावड़े ने शुक्रवार को कहा कि वे पार्टी नेतृत्व के फैसले को स्वीकार करते हैं।
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री तावड़े ने कहा कि वह आत्मावलोकन कर रहे हैं कि उन्हें फिर से नामित क्यों नहीं किया गया। उन्होंने हालांकि कहा कि वह 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Congratulations to all the candidates on being graced with the opportunity to win the faith of Maharashtra, standing by our motto ‘Sab ka Saath, Sab ka Vikas, Sab ka Vishwas’. May the upcoming elections continue PM @narendramodi ji’s vision in the state. https://t.co/DFSXbWu3tZpic.twitter.com/q0GCaN3Uso
— Vinod Tawde (@TawdeVinod) October 4, 2019
उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। खड़से ने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र मुक्ताईनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं से उनकी बेटी रोहिणी खड़से की जीत सुनिश्चित करने की अपील की है। भाजपा ने उत्तर महाराष्ट्र की इस सीट से रोहिणी खड़से को चुनाव मैदान में उतारा है।
खड़से ने कहा, ‘‘यह अफवाह है कि पहली सूची में मेरा नाम नहीं होने के बाद मैं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की योजना बना रहा हूं। मैंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी दाखिल की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के अंतिम दिन ए बी (नामांकन) फॉर्म जमा किया जा सकता है। यदि ए बी फॉर्म नहीं है (जो किसी पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को इंगित करता है), तो फॉर्म अपने आप खारिज हो जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रोहिणी का भी मानना था कि मुझे अपनी विधानसभा सीट में विकास की सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विधायक के रूप में एक और कार्यकाल मिलना चाहिए था।’’ उपनगर बोरीवली से मौजूदा विधायक तावड़े ने कहा कि वह एक निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ता हैं।
भाजपा ने बोरीवली से तावड़े की जगह सुनील राणे को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आत्मावलोकन कर रहा हूं कि मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया। पार्टी भी इस बात पर विचार करेगी कि उसने यह निर्णय क्यों लिया। लेकिन, अभी यह सोचने का समय नहीं है कि कौन गलत है या सही।’’
तावड़े ने कहा कि वह आरएसएस और एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में राजनीति में आए थे। मंत्री ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से विचार-विमर्श करूंगा कि मुझे टिकट दिए जाने से क्यों इनकार किया गया और क्या मेरे बारे में पार्टी को गलत जानकारी तो नहीं दी गई।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के विभिन्न हिस्सों से समर्थकों के फोन आए।
तावड़े ने कहा, ‘‘हम पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं और सभी कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के वास्ते एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिले।’’ तावड़े ने कहा, ‘‘चुनावों के बाद, हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि क्या गलत हुआ। मैंने पार्टी छोड़ने के बारे में नहीं सोचा है।’’