Badlapur Sexual Abuse: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर के एक स्कूल के परिसर के अंदर सफाई कर्मचारी ने दो किंडरगार्डन लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न किया, जिस पर अब खुद से उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ आज इस मामले पर जस्टिस रेवती मोहिते-देरे और पृथ्वीराज चह्वाण की बैंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
इस मामले के विरोध में 20 अगस्त को लोकल लोगों ने रेल रोको प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर किया था। स्कूल प्रशासन पर आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई न करने का आरोप लगाया जा रहा है। इसके अलावा, लड़कियों के माता-पिता को एफआईआर (FIR) दर्ज कराने के लिए 12 घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।
इस मामले में 23 वर्षीय आरोपी स्कूल अटेंडेंट द्वारा दो नाबालिगों का यौन उत्पीड़न शामिल है, जो 1 अगस्त से अनुबंध के आधार पर सफाई कर्मचारी सदस्य के रूप में कार्यरत था। यह घटना स्कूल के शौचालय में हुई जहां व्यक्ति ने कथित तौर पर लड़कियों के साथ मारपीट की।
यह अपराध तब सामने आया, जब 1 पीड़िता ने दर्द की शिकायत की और अपने माता-पिता को दुर्व्यवहार के बारे में बताया। बाद में एक स्थानीय डॉक्टर ने दोनों लड़कियों पर हमले की पुष्टि की। भारतीय न्याय संहिता की धारा 65(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो 12 साल से कम उम्र की महिला से बलात्कार के लिए सजा, अन्य आरोपों के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम से संबंधित है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और फिलहाल वह 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में है।
सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्कूल के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मामले की तेजी से सुनवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रसिद्ध आपराधिक वकील उज्जवल निकम को मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है।
दूसरी तरफ इस घटना पर स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया है। साथ ही राज्य सरकार ने मंगलवार को दो लड़कियों के यौन शोषण की जांच में लापरवाही के लिए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित 3 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया।