शिवराज सरकार प्रदेश और प्रदेश के बाहर आदिवासी समाज को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम: कमलनाथ

By मुकेश मिश्रा | Published: August 8, 2023 05:42 PM2023-08-08T17:42:37+5:302023-08-08T17:42:37+5:30

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के अनूपपुर जिले के 15 आदिवासी युवकों को गुजरात के राजकोट में प्रताड़ित कर उन्हें यातनाएं दिए जाने का मामला सामने आया है।

Shivraj government has completely failed to provide security to the tribal society in the state and outside the state: Kamal Nath | शिवराज सरकार प्रदेश और प्रदेश के बाहर आदिवासी समाज को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम: कमलनाथ

शिवराज सरकार प्रदेश और प्रदेश के बाहर आदिवासी समाज को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम: कमलनाथ

Highlightsकांग्रेस नेता ने कहा- अनूपपुर के 15 आदिवासी युवकों को गुजरात में दी गई यातनाओं की निष्पक्ष जांच होउन्होंने कहा, रीवा में दो आदिवासी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना अत्यंत निंदनीय

इंदौरः 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है। लेकिन मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय का जिस कदर उत्पीड़न हो रहा है, ऐसे में हम दुनिया से कैसे कहें कि हम आदिवासी दिवस मना रहे हैं। अनूपपुर के 15 आदिवासी युवकों के साथ गुजरात के राजकोट में की गई बर्बरता और रीवा के हनुमना में दो आदिवासी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने दिखा दिया है की मध्य प्रदेश शिवराज सरकार आदिवासी समुदाय को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम है। यह बात कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  कमलनाथ ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए भोपाल में कही।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के अनूपपुर जिले के 15 आदिवासी युवकों को गुजरात के राजकोट में प्रताड़ित कर उन्हें यातनाएं दिए जाने का मामला सामने आया है। गुजरात से अनूपपुर पहुंचे इन आदिवासी युवकों ने बताया कि राजकोट में जिस कंपनी में वे काम करते थे उस कंपनी के मालिक ने उनके ऊपर चोरी का इल्जाम लगाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। इन्हें बंधक बनाकर रखा गया। चार युवकों को गंभीर चोटें आई हैं। आदिवासी युवकों पर दबाव बनाने के लिए कंपनी ने उनके आधार कार्ड और मोबाइल फोन जप्त कर लिए।

उन्होनें कहा कि इन युवकों को कितनी बुरी तरह पीटा गया है। यह उन युवकों द्वारा वायरल  किए गए वीडियो में देखा जा सकता है। यह भी जानकारी मिली है कि गुजरात पुलिस ने आदिवासी युवकों को पीटने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय दबाव बनाकर दोनों पक्षों में राजीनामा करा दिया।

जहां आदिवासी समुदाय को न्याय मिलना चाहिए था, वहां पुलिस पैसा और प्रशासन का इस्तेमाल करके जबरन का राजीनामा कराया गया। कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानना चाहता हूं कि इन आदिवासी युवकों के साथ किए गए इस बेरहमीपूर्ण व्यवहार पर क्या उन्होंने अब तक कोई कार्यवाही की है?

असल में शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के आदिवासी समाज को इतना कमजोर कर दिया है कि हर किसी को लगता है कि वह मध्यप्रदेश के आदिवासी पर अत्याचार कर सकता है और उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। दूसरे राज्य में मध्य प्रदेश के आदिवासी नौजवानों पर हुई यह क्रूरता मध्यप्रदेश की आदिवासी अस्मिता पर हमला है।

अभी कुछ दिन पहले मैहर में एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई थी और अब रीवा के हनुमना में आदिवासी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। यह पहला मामला नहीं है। पूरी दुनिया ने देखा कि सीधी में एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब किया गया।

उसके बाद अपने पाप धोने के लिए मुख्यमंत्री जी ने आदिवासी युवक के पांव धोने का नाटक किया। अगर यह नाटक नहीं था तो उसके बाद आदिवासी समुदाय पर अत्याचार में कमी आनी चाहिए थी। लेकिन उसके बाद हमने देखा की सिंगरौली में भाजपा विधायक के बेटे ने एक आदिवासी युवक को गोली मार दी। सरकार मामले को रफा दफा करने की कोशिश करती नजर आ रही है।

नेमावर में आदिवासी बेटी और उसके पूरे परिवार को जिंदा जमीन में गाड़ दिया गया था। उस परिवार को भी आज तक न्याय नहीं मिला है। अपने 18 साल के कुशासन में शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश को आदिवासी अत्याचार में नंबर वन बना दिया है। और अभी स्थिति यह है कि मध्यप्रदेश के आदिवासी वर्ग पर दूसरे प्रदेशों में भी जुल्म किया जा रहा है। कमलनाथ ने कहा कि मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि वह आदिवासी विरोधी रवैया छोड़ें और आदिवासी समाज को उचित सम्मान दें।

Web Title: Shivraj government has completely failed to provide security to the tribal society in the state and outside the state: Kamal Nath

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