सागरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सागर जिले में संत शिरोमणि गुरुदेव श्री रविदास स्मारक स्थल पर भूमि पूजन किया। सागर के बड़तूमा पहुंचकर 14वीं सदी के कवि एवं समाज सुधारक संत रविदास को समर्पित एक मंदिर की आधारशिला रखी। इस मंदिर का निर्माण 100 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले में कवि और समाज सुधारक संत रविदास को समर्पित 100 करोड़ रुपये के मंदिर-सह-स्मारक की आधारशिला रखी। मोदी ने राज्य के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की मौजूदगी में बडतूमा गांव में भूमि पूजन किया और आधारशिला रखी।
उन्होंने संत रविदास की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर माथा टेका। प्रधानमंत्री ने इस समारोह में आगामी स्मारक-सह-मंदिर के लघु मॉडल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मध्यप्रदेश के दौरे की शुरुआत खजुराहो हवाईअड्डे पर पहुंचने के साथ की जिसके बाद वह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हेलीकॉप्टर से बडतूमा गए।
दिन में बाद में उनका सागर जिले के ढाना में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने और विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा बीना-कोटा रेलवे लाइन के दोहरीकरण परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की चल रही 'समरसता (सद्भाव) यात्राओं' के समापन भी होगा जो 25 जुलाई को राज्य के पांच स्थानों से शुरू की गई थीं।
अधिकारियों के मुताबिक समाज सुधारक को समर्पित यह मंदिर-सह-स्मारक 11 एकड़ भूमि में फैला होगा। यह संरचना संत रविदास की शिक्षाओं को प्रदर्शित करेगी और इसमें एक संग्रहालय, आर्ट गैलरी और अन्य सुविधाओं के अलावा भक्तों के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी।
भाजपा शासित इस राज्य में प्रधानमंत्री की एक महीने से अधिक समय के भीतर यह दूसरी यात्रा है। मध्य प्रदेश में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। एक जुलाई को मोदी ने शहडोल जिले के पकरिया गांव में आदिवासी नेताओं, स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं और युवा फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ बातचीत की थी।
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री का करीब एक महीने में प्रदेश का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले एक जुलाई को मोदी ने शहडोल जिले के पकरिया गांव में आदिवासी नेताओं, स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं और युवा फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ बातचीत की थी।
कार्यक्रम में सत्तारूढ़ पार्टी की चल रही 'समरसता (सद्भाव) यात्रा' का समापन भी होगा। प्रधानमंत्री के इन दोनों कार्यक्रमों को चुनाव से पहले दलितों तक पहुंचने के पार्टी के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पांच समरसता यात्राएं 25 जुलाई को प्रदेश के विभिन्न हिस्से से शुरू हुई है। मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीट में से 35 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं और भाजपा ने इनमें से पिछले चुनाव में 18 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 17 सीट मिली थीं।
कुछ समय पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सतना जिले के पवित्र शहर मैहर में 3.5 करोड़ रुपये की लागत से संत रविदास मंदिर का निर्माण कराया है। मध्यकालीन भारत में भक्ति आंदोलन के सबसे प्रसिद्ध शख्सियतों में से एक, संत रविदास के दलित अनुयायी राज्य में अनुसूचित जाति आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं।