MP Assembly Elections 2023: तराना से गोयल और घाटिया से मालवीय को टिकट, यहां जानिए एक नजर दोनों विधानसभा सीटों पर, कब किसने मारी बाजी
By बृजेश परमार | Updated: August 17, 2023 20:19 IST2023-08-17T19:45:39+5:302023-08-17T20:19:16+5:30
MP Assembly Elections 2023: उज्जैन जिला की तराना सीट से पूर्व विधायक ताराचंद गोयल एवं घाटिया विधानसभा से पूर्व विधायक सतीश मालवीय के नाम की घोषणा की गई है।

mp cm (file photo)
MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में 39 सीटों की घोषणा की है। प्रदेश के 53 जिलों में से उज्जैन जिला की तराना सीट से पूर्व विधायक ताराचंद गोयल एवं घाटिया विधानसभा से पूर्व विधायक सतीश मालवीय के नाम की घोषणा की गई है।
भाजपा की पहली सूची में उज्जैन के दोनों ही नाम पूर्व विधायक के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। खास यह है कि दोनों को ही एक बार टिकट मिलने और जीतने के बाद भी दूसरी बार अवसर नहीं मिला था। सतीश मालवीय ने 2013 के चुनाव में घाटिया से 1977 से लेकर अब तक सर्वाधिक 17 हजार से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता था।
BJP releases the first list of 39 candidates for the upcoming Madhya Pradesh Assembly Elections. pic.twitter.com/7xdtQFxz9M
— ANI (@ANI) August 17, 2023
तराना (अजा)-ताराचंद गोयलः पेशे से ट्रैक्टर मैकेनिक ताराचंद गोयल मूल रूप से तराना के ही रहने वाले हैं और रविदास समाज से संबंधित हैं। गोयल को 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में पहला अवसर मिला और उन्होंने 13 हजार से अधिक मतों से कांग्रेस के पूर्व मंत्री बाबूलाल मालवीय को हराया था। उसके बाद उन्हें पार्टी ने अवसर नहीं दिया
।वे क्षेत्र में सहजता को लेकर जनता में पकड़ रखते हैं। संघ परिवार का होने से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा। सामाजिक रूप से भी उन्हें वोटरों का लाभ मिलेगा। उनकी सहजता का लाभ भाजपा को। 53 वर्षीय गोयल टिकट मिलने की सूचना के समय भी गैराज पर कार्यशील थे।
गोयल ने बताया कि वे विधायक की पेंशन ले रहे थे। उनके परिवार में पत्नी एक पूत्र एवं तीन पुत्रियां हैं। हायर सेकेंडरी शिक्षा ग्रहण गोयल पारिवारिक खेती करते हैं। पार्टी की और से वापस टिकट नहीं मिलने के बाद भी वे सतत रूप से सेवा कार्य में लगे रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा.सत्यनारायण जटिया की तराना में उन्हें पहली पसंद के रूप में देखा जा रहा था। गोयल की कोई राजनीतिक पृष्ठ भूमि नहीं रही है।
एक नजर तराना विधानसभा :
1962: एम सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: एम सिंह, भारतीय जनसंघ
1972: लक्ष्मीनारायण जैन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: नागूलाल मालवीय, जनता पार्टी
1980: दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (I)
1985: दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990: गोविंद परमार, भारतीय जनता पार्टी
1995: माधव प्रसाद शास्त्री, भारतीय जनता पार्टी
1998: बाबूलाल मालवीय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2003: ताराचंद गोयल, भारतीय जनता पार्टी
2008: रोडमल राठौर, भारतीय जनता पार्टी
2013: अनिल फिरोजिया, भारतीय जनता पार्टी
2018: महेश परमार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
घाटिया (अजा)-सतीश मालवीयः सतीश मालवीय को उनके टिकट घोषित होने की जानकारी ट्रेन में यात्रा के दौरान मिली है। पारिवारिक रूप से उन्हें पिता से राजनीति की शिक्षा मिली है। उनके पिता तराना से विधायक रहे हैं। एमए तक शिक्षित सतीश ने वर्ष 2013 में पहला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के रामलाल मालवीय के समक्ष लड़ा और 17 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी।
इसके बाद 2018 में उन्हें पार्टी ने अवसर नहीं दिया। वे सतत रूप से क्षेत्र में अपने कार्यकर्ता और जनसेवा में लगे रहे। उनके अनुसार उनके कार्य एवं सतत जनसेवा के साथ ही कार्यकर्ताओं की आवाज को सूना गया और उन्हे पार्टी ने इसके लिए चुना है। संघ परिवार के साथ ही वे जिस समाज से संबंध रखते हैं, उसका बाहुल्य विधानसभा में है। उसका लाभ भी उन्हें मिलेगा।
एक नजर घाटिया विधानसभाः
1977: गंगाराम परमार, जनता पार्टी
1980: नागूलाल मालवीय, भारतीय जनता पार्टी
1985: अवंतिका प्रसाद मर्मत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990: रामेश्वर अखण्ड, भारतीय जनता पार्टी
1995: रामेश्वर अखण्ड, भारतीय जनता पार्टी
1998: रामलाल मालवीय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2003: डॉ॰ नारायण परमार, भारतीय जनता पार्टी
2008: रामलाल मालवीय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2013: सतीश मालवीय, भारतीय जनता पार्टी
2018: रामलाल मालवीय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

