Madhya Pradesh Assembly Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव रोचक होते जा रहा है। दिसंबर में चुनाव होने हैं। इस बीच कांग्रेस और भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। दोनों दल एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। पूर्व डकैत मलखान सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए।
1982 था, जब "दस्यु राजा" मलखान सिंह भिंड के बीहड़ से बाहर निकले और कांग्रेस सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अब 40 से अधिक वर्षों के बाद कांग्रेस ने 80 वर्षीय सिंह को इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव में भिंड में "भाजपा के गढ़ों को घेरने" का काम सौंपा है। पूर्व भाजपा सदस्य बुधवार को पार्टी में शामिल हुए। भिंड बुंदेलखंड का हिस्सा है, जिसमें 26 विधानसभा सीटें हैं।
2013 में भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने छह पर जीत दर्ज की। 2018 में कांग्रेस ने अपनी संख्या में सुधार करके 10 कर लिया, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या घटकर 14 हो गई। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते छिंदवाड़ा जिले के सिमरिया गांव में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी धीरेंद्र शास्त्री की मेजबानी की थी। छिंदवाड़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ का गढ़ है।
कांग्रेस शास्त्री को इसलिए अपने साथ जोड़ रही है, क्योंकि बुंदेलखण्ड में अच्छे-खासे अनुयायी हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी अच्छी-खासी पहुंच है। मलखान सिंह 1982 में आत्मसमर्पण करने से पहले दो दशकों तक प्रदेश के चंबल क्षेत्र में एक खूंखार डकैत के रूप में जाने जाते थे।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व दस्यु ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा का सफाया हो जाएगा। इस अवसर पर कमलनाथ ने सत्तारूढ़ भाजपा पर अपने दो दशक लंबे शासन के दौरान लोगों के बीच भय और आतंक पैदा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है। अपनी लंबी मूंछों पर ताव देते हुए मलखान सिंह ने पत्रकारों से कहा कि वह हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़े। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा के शासन पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने लोगों में आतंक पैदा किया है।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद मलखान सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा को उखाड़ फेकेंगे। कांग्रेस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी संतोष शर्मा भी 1,200 समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हुए।