बुंदेलखंड में बीजेपी को तगड़ा झटका, दिग्गज नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में थामेंगे कांग्रेस का हाथ
By राजेंद्र पाराशर | Published: February 7, 2019 05:25 AM2019-02-07T05:25:20+5:302019-02-07T07:26:42+5:30
माना जा रहा है कि कुसमरिया राहुल गांधी के 8 फरवरी को हो रहे भोपाल दौरे के दौरान कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे.
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का संकट कम नहीं हो रहा है. भाजपा के बागी रामकृष्ण कुसमरिया के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है. सूत्रों की माने तो कुसमरिया 8 फरवरी को राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं. कांग्रेस उन्हें बुंदेलखंड या फिर महाकौशल की किसी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है.
लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की नजरें नाराज और असंतुष्ट नेताओं पर टिकी हुई है. कांगे्रस इस मामले में सक्रियता दिखा रही है. पिछले दिनों सीहोर के पूर्व भाजपा विधायक रमेश सक्सेना को कांग्रेस में शामिल कराकर कांग्रेस नेता अब फिर से भाजपा के असंतुष्टों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं. कांग्रेस की ओर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद अब भाजपा के नाराज चल रहे पूर्व सांसद और मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को कांग्रेस में शामिल किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सूत्रों की माने तो कुसमरिया भी इसके लिए तैयार नजर आ रहे हैं. कुसमरिया ने खुद इस बात का खुलासा किया कि कांग्रेस की ओर से उन्हें आफर हैं और उन्होंने बुंदेलखंड की दमोह, खजुराहो के अलावा महाकौशल की जबलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस में शामिल होने के लिए अपने कार्यकर्ताओं से राय ले रहे हैं. कुसमरिया का कहना है कि जो पार्टी टिकट देगी वे उसके प्रत्याशी बनकर चुनाव मैदान में उतरेंगे.
माना जा रहा है कि कुसमरिया राहुल गांधी के 8 फरवरी को हो रहे भोपाल दौरे के दौरान कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे. उन्हें कांग्रेस दमोह या फिर जबलपुर से चुनाव मैदान में उतार सकती है. कुसमरिया अगर कांग्रेस का दामन थामते हैं तो भाजपा के लिए यह बड़ा झटका भी साबित होगा.
बुंदेलखंड में भाजपा के रहे हैं चेहरा
भाजपा में रामकृष्ण कुसमरिया को बुंदेलखंड का बड़ा चेहरा माना जाता है. कुर्मी मतदाताओं के बीच उनकी खासा पैठ है. वे इस वर्ग के नेता भी हैं. भाजपा में रहते हुए कुसमरिया अलग-अलग विधानसभा और लोकसभा सीटों का नेतृत्व करते रहे. विधायक, सांसद और पूर्व मंत्री भी वे रहे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में जब उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वे नाराज हो गए और बागी होकर दो स्थानों से चुनाव लड़ गए. कुसमरिया के चुनाव लड़ने से भाजपा को दोनों ही स्थानों पर हार का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं उनके मैदान में उतरने से वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया को हार का सामना करना पड़ा था.
भाजपा ने कहा कांग्रेस के पास उम्मीदवारों का टोटा
रामकृष्ण कुसमरिया के कांग्रेस में शामिल होने के लगाए जा रहे कयासों के बीच भाजपा ने कांग्रेस पर प्रहार किया है. भाजपा प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास उम्मीदवारों को टोटा है, तभी वह भाजपा के नेताओं पर नजरें गढ़ाए हुए हैं. विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री सरताज सिंह के अलावा अन्य नेताओं को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा, परिणाम क्या हुआ सभी के सामने हैं. अब लोकसभा चुनाव सामने हैं तो कांग्रेस के नेता कभी बाबूलाल गौर तो कभी रामकृष्ण कुसमरिया को कांग्रेस के लाने का प्रयास कर रहे हैं. कुसमरिया भाजपा में अब नहीं है. उनका भाजपा से कोई सरोकार भी नहीं है.उनके कांग्रेस में जाने से भाजपा को अब किसी तरह का नुकसान भी नहीं है.