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प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इंदौर में 150 से ज्यादा शिशु का हुआ जन्म, बच्चों की माताओं ने लिया प्रण..

By आकाश चौरसिया | Updated: January 23, 2024 12:24 IST

इंदौर के स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो 90 से ज्यादा नवजात शिशु का जन्म सरकारी अस्पताल मे हुआ, जबकि 50 से 60 डिलेवरी निजी अस्पताल में हुई। बीतें कई दिनों से अस्पताल आईं गर्भवती महिलाओं ने डॉक्टरों से सोमवार को उनकी डिलीवरी की योजना बनाने का अनुरोध किया था।

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ठळक मुद्देप्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान इंदौर में 150 से ज्यादा नवजात बच्चों का जन्म हुआस्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो 90 से ज्यादा नवजात शिशु का जन्म सरकारी अस्पताल मे हुआदूसरी तरफ 50 से 60 डिलीवरी निजी अस्पताल में हुई

भोपाल: प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान इंदौर के कई सरकारी और निजी अस्पतालों में 150 से ज्यादा नवजात शिशु का जन्म हुआ। इसके साथ ही दोपहर 12 से 1 बजे के करीब 10 से 15 के बीच बच्चों ने जन्म लिया। इस दौरान रामलला की मूर्ति अयोध्या के भव्य मंदिर में स्थापित हुई थी। 

स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो 90 से ज्यादा नवजात शिशु का जन्म सरकारी अस्पताल मे हुआ, जबकि 50 से 60 डिलीवरी निजी अस्पताल में हुई। बीतें कई दिनों से अस्पताल आईं गर्भवती महिलाओं ने डॉक्टरों से सोमवार को उनकी डिलीवरी की योजना बनाने का अनुरोध किया था।

सोमवार को 49 नवजात शिशु का जन्म दोपहर के 12 बजे से रात के 8 बजे के बीच हुआ। इनमें से शिशुओं का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ, जबकि 18 का प्रसव सिजेरियन ऑपरेशन से हुआ। इस बात की जानकारी एमटीएच अस्पताल की सुपरिटेंडेंट डॉक्टर सुमित्रा यादव ने दी। उन्होंने आगे कहा कि जन्मे बच्चों में से 24 लड़कियां और 26 लड़कों का जन्म हुआ। इसके अलावा एक खास बात ये रही कि दोपहर 12 से 1 बीच चार बच्चों का जन्म हुआ, जबकि एक महिला के जुड़वा शिशु का जन्म हुआ। 

पीसी सेठी अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, हॉस्पिटल में 25 नवजात का जन्म हुआ, वहीं 21 शिशु का जन्म सामान्य प्रसव के जरिए हुआ और 4 का जन्म ऑपरेशन के जरिए हुआ। सोमवार को जन्मे एक बच्चे के पिता लोकेश ने बताया, "मैं 22 जनवरी को बच्चे के जन्म के लिए अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के संपर्क में था, लेकिन बताया गया कि इसकी अवधि पूरी नहीं हुई है।

हालांकि, पत्नी संजना को सुबह करीब 11 बजे दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद ऑपरेशन किया गया।" उन्होंने कहा, मां और बच्चा दोनों स्वस्थ में हैं। डॉक्टर यादव ने बताया कि जन्मे शिशुओं की सभी मां ने माना है कि इस शुभ दिन पैदा हुए शिशु का नाम राम रखेंगी। फिर चाहे उसकी कुंडली किसी भी नाम की ओर इशारा करे। 

टॅग्स :Health Departmentराम मंदिरराम जन्मभूमिram janmbhumi
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