इंदौर: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुक्रवार को होनी है। इससे पहले चुनाव प्रचार के समापन के दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बेहद तीखा हमला किया और उन्हें 'गद्दार' तक कह डाला। प्रियंका गांधी की इस टिप्पणी को लेकर मद्य प्रदेश के सियासी हलकों में काफी उठा-पटक मची है।
सिंधिया राजघराने की नुमाइंदगी करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर की गई प्रियंका गांधी की बेहद प्रतिकूल टिप्पणी के बाद अब भाजपा की ओर से फायरब्रांड नेता और पार्टी के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिदित्य सिंधिया की जमकर तारीफ की और कहा कि ज्योतिदित्य सिंधिया बेहद काबिल राजनेता हैं और उनके साथ उनका अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा है। वो बहुत ही विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। मैं उन्हें एक कार्यकर्ता के रूप में जानता हूं। हो सकता है कि जब वो प्रियंका गांधी क साथ कांग्रेस में थे तो उनसे प्रभावित रहे हों, लेकिन भाजपा में वो एक जमीनी स्तर के नेता हैं।''
मालूम हो कि बीते बुधवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री और अपने पूर्व पार्टी सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जबरदस्त हमला किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि उनका कद छोटा है और वह अहंकारी हैं।
दतिया में आयोजित कांग्रेस की ओर से आयोजित एक सार्वजनिक रैली में प्रियंका गांधी ने ज्योतिदित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा और उन्हें 'गद्दार' तक कह दिया। प्रियंका गांधी ने कहा, "भाजपा के सभी नेता थोड़े अजीब हैं। सबसे पहले सिंधिया जी की बात करते हैं, पहले वो हमारे साथ थे। मैंने उनके साथ यूपी में काम किया है। दरअसल उनका कद छोटा है लेकिन अहंकार में 'वाह भाई वाह'... कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता उनके पास जाते थे, उनका कहना है कि हमें सिंधिया को 'महाराज' कहना पड़ता है और अगर हम ऐसा नहीं कहेंगे तो हमारी बात नहीं बनेगी।"
प्रियंका गाधी ने विजयाराजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया के राजनैतिक विरासत को लेकर तंज कसते हुए कहा, "उन्होंने अपने परिवार की परंपरा को बहुत अच्छे से निभाई है। बहुतों ने गद्दारी की है लेकिन उन्होंने ग्वालियर की जनता के साथ गद्दारी की है और उन्होंने कांग्रस की कमलनाथ सरकार गिरा दी।''
दरअसल साल 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी और कमल नाथ ने मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली थी। लेकिन साल 202 में तत्कालीन कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 वफादार विधायकों के साथ बगवत कर दी और भाजपा खेमे में चले गये। जिसके कारण कमलनाथ की सरकार गिर गई।
उसके बाद भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया और शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बने। मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में से एक है जहां 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।