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Assembly Elections 2023: टिकट बंटवारे के बाद भाजपा-कांग्रेस में भगदड़, दलबदल की मची है होड़

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 24, 2023 12:00 IST

मध्य प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव है लेकिन सत्ता की बाजीगरी में कांग्रेस और भाजपा के लिए बिछाई जा रही बिसात, खुद उनके लिए भारी पड़ रही है।

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ठळक मुद्देसत्ता की बाजीगरी में कांग्रेस-भाजपा के लिए बिछाई जा रही बिसात, खुद उनके लिए भारी पड़ रही हैटिकट बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में भारी कलह मची हुई हैयही कारण है कि सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में 'आया राम-गया राम' की संख्या बढ़ गई है

भोपाल: मध्य प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव है लेकिन सत्ता की बाजीगरी में कांग्रेस और भाजपा के लिए बिछाई जा रही बिसात, खुद उनके लिए भारी पड़ रही है। दरअसल टिकट बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में भारी कलह मची हुई है और यही कारण है कि दोनों दलों में 'आया राम-गया राम' की संख्या बढ़ गई है।

इसी घटनाक्रम में टिकट बंटवारे का विरोध करते हुए पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भाजपा नेता और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने पार्टी से इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा, "भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी उपेक्षा हो रही है और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को पुरस्कृत किया जा रहा है। इसलिए वो भाजपा को छोड़कर बसपा में शामिल हो रहे हैं।"

बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में प्रभावशाली गुर्जर नेता माने जाते हैं। रुस्तम सिंह के अलावा भाजपा ने अब तक तीन मंत्रियों सहित 32 विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया है। पार्टी अब तक राज्य की कुल 230 सीटों में से 228 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा की ओर से कवल गुना और विदिशा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान बाकी है।

सूबे के पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता का टिकट पार्टी ने काट दिया, जिससे उनके समर्थक भी नाराज बताए जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि 71 साल उमाशंकर गुप्ता एंजियोप्लास्टी के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिसके कारण पार्टी ने यह कदम उठाया है। गुप्ता को टिकट नहीं दिए जाने पर रविवार को तीन पार्षदों समेत करीब 200 भाजपा सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

उमाशंकर गुप्ता साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल दक्षिण-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से 6000 से अधिक वोटों से हार गए। इस साल भी उन्हें इस सीट से पार्टी के टिकट की उम्मीद थी लेकिन पार्टी ने शनिवार को उनकी जगह भगवान दास सबनानी को भोपाल दक्षिण-पश्चिम से उम्मीदवार बना दिया।

भाजपा कार्यकर्ता मनोज जाट ने कहा कि उमाशंकर गुप्ता अपने साथ हुए व्यवहार के कारण काफी तनाव में थे। जिसके कारण उनकी एंजियोप्लास्टी हुई और वह आईसीयू में भर्ती हैं।

पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख नंद कुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान खंडवा से टिकट की उम्मीद कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए टिकट से वंचित कर दिया गया था।

भाजपा नेताओं ने कहा कि पूर्व मंत्री रंजना बघेल और पारस जैन के साथ-साथ पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भी बगावत कर दी है। एक बीजेपी नेता ने कहा, ''कम से कम 20 निर्वाचन क्षेत्रों से विरोध प्रदर्शन की खबरें थीं।''

मालूम हो कि बीते शनिवार को जबलपुर में केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के साथ हुई धक्का-मुक्की को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया है। यादव का विरोध कर रहे पार्टी के कार्यकर्ता जबलपुर उत्तर से अभिलाष पांडे की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे।

वहीं अगर भाजपा के उलट कांग्रेस की बात करें तो वहां भी वैसे ही हालात हैं। कांग्रेस  विधायक अजब सिंह कुशवाह, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, नासिर इस्लाम और केदार कंसाना के बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है।

बीते सोमवार को शुजालपुर और होशंगाबाद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं उससे पहले रविवार को कमलनाथ के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल और उनके 50 समर्थकों के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया गया था। रविवार को एक मोरवाल समर्थक ने कथित तौर पर आत्मदाह का भी प्रयास किया था।

इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक दिनेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस आंतरिक विद्रोह से निपटने में विफल रही है। राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने स्वीकार किया कि सीटों के लिए कई दावेदारों के कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन सब कुछ सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया जाएगा।

वहीं भाजपा नेता रजनीश अग्रवाल ने पार्टी में किसी बगावत से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ''अगर छोटे-मोटे मुद्दे हैं तो हमारी पार्टी का नेतृत्व उन पर गौर करेगा। कांग्रेस के विपरीत, भाजपा प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हम सभी पार्टी की जीत के लिए काम करते हैं।"

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