देश की प्रमुख टेक कंपनी इंफोसिस ने बदलते तकनीकी परिवेश को देखते हुए एक ब्रिज प्रोग्राम लांच किया है, जिसको सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद कर्मचारी अपनी सैलरी को दो गुना तक बढ़ा सकते है। इस प्रोग्राम को पूरा करने के बाद टेकी अपने पुराने जॉब को छोड़कर इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा मांग वाली जॉब का रुख कर सकते हैं, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
इंफोसिस के अलावा टीसीएस और विप्रो ने भी अपने क्रमचारियों के लिए इस तरह का प्रोग्राम लांच किया है। ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की बारीकियों को सिखाने का प्रयास है, ताकि टेक कर्मचारी बदलते तकनीकी परिवेश में खुद को बेहतर तरीके से ढाल सके। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और लिंक्डइन ने भी एक साझे प्रयास के तहत 'प्रोजेक्ट संगम' लांच किया था जिसका मकसद भी टेक क्रमचारियों के रिज्यूमे को अपग्रेड करना था।
भारत में आईटी इंडस्ट्री इस वक्त 39 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है। हाल ही में आई मैकेंजी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 तक आईटी इंडस्ट्री के कूल वर्कफोर्स का 70 प्रतिशत रोजगार ऑटोमेशन के हवाले हो जायेगा। इस रिपोर्ट के आने के बाद आईटी इंडस्ट्री के क्रमचारियों में हड़कंप मच गया था। इसी बीच टेक महिंद्रा में बड़े पैमाने पर हुई छटनी ने उनकी चिंताओं को कई गुना बढ़ा दिया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन की भेंट चढ़ने वाली नौकरियों को लेकर देश के जाने-माने तकनीक विशेषज्ञ इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पाई ने भी चिंता व्यक्त की थी, लेकिन उन्होंने देश के तमाम टेक क्रमचारियों को इससे आतंकित होने के बजाये इसे चुनौती के रूप में लेने का आग्रह किया था। उन्होंने इसे एक मौका बताया था और उनके अनुसार यह टेक जॉब मार्केट में आमूलचूल परिवर्तन का समय है जिसे नई तकनीकों को सीख कर साधा जा सकता है।
इंफोसिस के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत अभी तक 400 क्रमचारियों को ट्रेंड किया जा चुका है और उनकी सैलरी में 80 से 120 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, ''भारत में टेक इंडस्ट्री में जॉब करने वाले एक फ्रेशर की सैलरी 3.5 लाख सालाना होती है। हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ इसमें मामूली बढ़ोतरी होती है। लेकिन ब्रिज प्रोग्राम को पूरा करने के बाद सैलरी को 9 लाख रुपये सालाना तक पहुंचाया जा सकता है। भारत में इतनी सैलरी एमबीए करने के बाद ही मिल सकता है''।