मोदी सरकार का दावा- देश की 70 प्रमुख प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों के 2881 पद खाली

By भाषा | Published: August 11, 2019 05:20 PM2019-08-11T17:20:58+5:302019-08-11T17:20:58+5:30

वैज्ञानिकों के पदों के रिक्त रहने की समस्या पर भौतिकीविद एवं कोलकाता विश्वविद्यालय के एप्लायड फिजिक्स संकाय के पूर्व व्याख्यता प्रो. सौरव पाल कहते हैं कि युवा नौकरी की तलाश में भाग रहे हैं, लेकिन शोध में आगे बढ़कर अपना भविष्य सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि वे देश में वैज्ञानिक को रोल मॉडल नहीं बना पा रहे हैं।

2881 posts of scientists vacant in 70 major laboratories of the country | मोदी सरकार का दावा- देश की 70 प्रमुख प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों के 2881 पद खाली

मोदी सरकार का दावा- देश की 70 प्रमुख प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों के 2881 पद खाली

देश की 70 प्रमुख प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों के 2881 पद रिक्त हैं । सरकार का कहना है कि जब भी कोई पद रिक्त होता है तब संबंधित प्रयोगशाला या संस्थान में वैज्ञानिकों के खाली पदों को भरने के लिये नियमों के अनुरूप कदम उठाये जाते हैं। संसद के हाल में सम्पन्न सत्र के दौरान लोकसभा में राम चरण बेहरा ने देश के शीर्ष वैज्ञानिक संस्थानों में रिक्त पड़े वैज्ञानिकों के पदों का संस्थान वार ब्यौरा मांगा था।

उन्होंने पिछले पांच वर्षो में देश में महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने की पहल के बारे में भी जानकारी मांगी थी । इसके जवाब में पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्री डा . हर्षवर्धन ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया था कि देश की 70 प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों के 2881 पद रिक्त हैं।

इसमें सीएसआईआर की पुणे स्थित राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों के 123 पद रिक्त हैं जबकि गोवा स्थित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान में 100 पद, बेंगलूर स्थित केंद्रीय चतुर्थ प्रतिमान संस्थान में 177, हैदराबाद स्थित भारतीय रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान में 102 पद, कोलकाता स्थित भारतीय रसायन जीव विज्ञान संस्थान मे 77 पद, नयी दिल्ली स्थित जीनोम एवं समेकित जीव विज्ञान संस्थान में 84 पद और जम्मू स्थित भारतीय समेकित चिकित्सा संस्थान में 95 पद रिक्त हैं । सीएसआईआर मुख्यालय में वैज्ञानिकों के 92 पद रिक्त हैं।

वैज्ञानिकों के पदों के रिक्त रहने की समस्या पर भौतिकीविद एवं कोलकाता विश्वविद्यालय के एप्लायड फिजिक्स संकाय के पूर्व व्याख्यता प्रो. सौरव पाल कहते हैं कि युवा नौकरी की तलाश में भाग रहे हैं, लेकिन शोध में आगे बढ़कर अपना भविष्य सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि वे देश में वैज्ञानिक को रोल मॉडल नहीं बना पा रहे हैं। एक दौर था जब हम डॉ. अब्दुल कलाम और डॉ. सीवी रमन जैसे वैज्ञानिकों को देख शोध में आगे बढ़े थे।

उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में इंस्पायर, इंप्रिंट जैसी योजनाओं के माध्यम से युवाओं को जोड़ने का प्रयास कर रही है ।इसके लिए साथ ही देश में हमें अपने रिसर्च ईकोसिस्टम में सुधार करने की ज़रूरत है, तभी युवा आकर्षित होंगे। मंत्री द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार, सीएसआईआर के मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों के 111 पद रिक्त हैं जबकि पिलानी स्थित केंद्रीय इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग संस्थान में 92, लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान में 65 पद, चेन्नई स्थित केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान में 50 पद, नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान में 28 पद, कोलकाता स्थित बोस संस्थान में 35 पद, लखनऊ स्थित बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान में 25 पद, बेंगलूर स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान में 14 पद तथा मोहाली स्थित राष्ट्रीय कृषि खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान में वैज्ञानिकों के 92 पद रिक्त हैं।

सीएसआईआर के रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों के 50 पद तथा भोपाल स्थित उन्नत सामग्री एवं प्रसंस्करण अनुसंधान में 60 पद रिक्त हैं । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि पिछले पांच वर्षो में महिला वैज्ञानिक योजना के तहत 1800 से अधिक महिला वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों को सहायता प्रदान की गई है।

Web Title: 2881 posts of scientists vacant in 70 major laboratories of the country

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