भारतीय कंपनी जाइडस कैडिला ने कोरोना वैक्सीन जायकोव डी के लिए मांगी मंजूरी, इंजेक्शन के बिना लेनी होगी तीन खुराक, जानिए हर बात

By अभिषेक पारीक | Published: July 1, 2021 02:15 PM2021-07-01T14:15:35+5:302021-07-01T14:28:39+5:30

भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी को भी जल्द ही आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है।

Zydus cadila seeks nod for its corona vaccine zycov d for emergency use | भारतीय कंपनी जाइडस कैडिला ने कोरोना वैक्सीन जायकोव डी के लिए मांगी मंजूरी, इंजेक्शन के बिना लेनी होगी तीन खुराक, जानिए हर बात

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकोरोना वैक्सीन जायकोव-डी के पास आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी गई है। यह वैक्सीन बिना सुई वाले इंजेक्शन की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाई जाएगी। तीन खुराक लेनी होगी और कंपनी का दावा है कि सालाना 10 से 12 करोड़ खुराक बनाई जाएगी।  

भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी को भी जल्द ही आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है। इस वैक्सीन की सबसे खास बात इसे लगाने का तरीका है। यह बिना सुई वाले इंजेक्शन की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाई जाएगी, जिससे साइड इफेक्ट के खतरे बहुत कम हो जाएंगे। 

जायकोव-डी पहली प्लाजमिड डीएन वैक्सीन है। कंपनी तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर चुकी है। जिसमें करीब 28 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था। बताया जा रहा है कि भारत में किसी भी कोरोना वैक्सीन का यह अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल है। साथ ही ट्रायल के नतीजे भी संतोषजनक रहे हैं। 

डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी है असदार

देश में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसे में जायकोव-डी वैक्सीन को डेल्टा वेरिएंट पर भी असरदार बताया जा रहा है। साथ ही 12 से 18 साल के आयुवर्ग के लिए भी यह सुरक्षित बताई जा रही है। 

वैक्सीन की तीन खुराक लेनी होगी

यह वैक्सीन फार्माजेट सुई रहित तकनीक की मदद से लगाई जाएगी। जिसमें इंजेक्शन में सुई की जरूरत नहीं होती है, बल्कि इंजेक्शन में दवा भरी जाती है और उसे एक मशीन की सहायता से बांह पर लगाया जाता है। कंपनी ने सालाना 10 से 12 करोड़ खुराक बनाने का दावा किया है। इसकी कुल तीन खुराक लेनी होती है। साथ ही इसके लिए बहुत कम तापमान की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। 

इस तकनीक पर आधारित है वैक्सीन

यह वैक्सीन प्लाजमिड डीएन तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक में वैक्सीन लगाने के बाद बी और टी सेल एक्टिव होते हैं, जिससे वैक्सीन बेहतर तरीके से काम करती है। इस तकनीक मेंं तापमान 2 से 8 डिग्री तापमान में रखा जा सकता है। जिससे कोल्ड चेन की व्यापक श्रृंखला से बचा जा सकता है। जिसके कारण वैक्सीन की बर्बादी को भी काफी कम किया जा सकता है। 

Web Title: Zydus cadila seeks nod for its corona vaccine zycov d for emergency use

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे