जाकिर नाइक की बढ़ी मुश्किलें, मलेशिया सरकार ने भेजा नोटिस, भारत भेजने की मांग हुई तेज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2019 08:44 AM2019-08-16T08:44:14+5:302019-08-16T08:44:14+5:30
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जाकिर नाइक के खिलाफ दर्ज आतंकी गतिविधियों और धनशोधन के मामले की जांच कर रही है। नाइक जुलाई 2016 में भारत छोड़ गया था। भारत और मलेशिया के बीच प्रत्यर्पण संधि है।
विवादित कट्टरपंथी प्रचारक जाकिर नाइक को मलेशिया की सरकार ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। मलेशिया सरकार का दावा है कि जाकिर नाईक ने देश भावनाओं को भड़काया है और नस्ल भेदी टिप्पणी करते हैं। मलेशिया के गृह मंत्री मुहिद्दीन यासिन के मुताबिक पुलिस नाइक और कुछ और लोगों से इस संबंध में पूछताछ करेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने जाकिर नाइक को भारत वापस भेजने की मांग की है। मलेशिया की सरकार में मंत्री कुलेसगरन ने जाकिर नाइक को शरण दिए जाने पर नाइक को नोटिस जारी किया है। भारत में नाइक पर नफरत भरे भाषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज हैं।
मलेशिया सरकार के मुताबिक, जाकिर नाइक का बयान बेहद भड़काऊ है। जिससे मलेशिया के बहुसांस्कृतिक समाज को खतरा हो सकता है। सरकार ने यह भी कहा है कि नाइक के बयानों से मुस्लिमों और गैर-मुस्लिम समाज के बीच विवाद पैदा हो सकता है। मलेशिया सरकार ने गुरुवार (15 अगस्त) को यह जानकारी दी थी कि सरकार के कुछ मंत्रियों ने विगत बुधवार को नाइक को बर्खास्त करने की मांग की थी।
'Malaysian authorities will summon Zakir Naik for questioning after he allegedly made racially sensitive remarks in the nation', the Malaysian government said: Reuters pic.twitter.com/AN68BJaMWP
— ANI (@ANI) August 16, 2019
जाकिर नाइक पर क्या हैं आरोप
नाइक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और आईपीसी की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 और 505 (2) के तहत आरोप हैं। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली थी तो वो 1 जुलाई, 2016 को वह भारत से भाग गया था। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था।