"आपका घर, आपका पानी, आपकी जमीन छीनी जा सकती है लेकिन कोई भी आपकी भाषा नहीं छीन सकता", महबूबा मुफ्ती ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 17, 2023 07:52 AM2023-12-17T07:52:04+5:302023-12-17T07:55:15+5:30

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर घाटी में क्षेत्रीय भाषाओं की वकालत करते हुए लोगों से अपील की कि वो अपने घरों में अपनी मातृभाषा में ही बात करें। उन्होंने कहा कि कोई भी उनकी भाषा नहीं छीन सकता, जब तक कि वे खुद अपनी भाषा को न भूलें।

“Your house, your water, your land can be taken away but no one can take away your language”, Mehbooba Mufti said | "आपका घर, आपका पानी, आपकी जमीन छीनी जा सकती है लेकिन कोई भी आपकी भाषा नहीं छीन सकता", महबूबा मुफ्ती ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsमहबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में क्षेत्रीय भाषाओं की वकालत करते हुए कहा कि लोग अपनी भाषा में बात करेंआपका घर, आपका पानी, आपकी जमीन छीनी जा सकती है लेकिन कोई भी आपकी भाषा नहीं छीन सकताकश्मीरी भाषा का अपना महत्व है लेकिन आज की पीढ़ी दूसरी भाषा के चक्कर में उसे भूल रही है

जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर घाटी में क्षेत्रीय भाषाओं की वकालत करते हुए लोगों से अपील की कि वो अपने घरों में अपनी मातृभाषा में ही बात करें। उन्होंने कहा कि कोई भी उनकी भाषा नहीं छीन सकता, जब तक कि वे खुद अपनी भाषा को न भूलें।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को जम्मू में गुर्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट में की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "आपके घर, आपका पानी आपसे छीना जा सकता है, यहां तक ​​कि आपकी जमीन भी छीनी जा सकती है, लेकिन कोई भी आपसे आपकी भाषा नहीं छीन सकता जब तक कि आप खुद उसे न भूलें।"

पूर्व सीएम मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरियों को अपने घरों में अपनी भाषाएं बोलने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी भाषा का अपना महत्व है लेकिन आज की पीढ़ी अपनी मातृभाषा को महत्व देने की जगह अपने बच्चों के साथ बातचीत में अंग्रेजी का उपयोग अधिक कर रही है।

उन्होंने कहा, "हमें अपने घरों में अपनी भाषाए बोलनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से हमने अपनी भाषाएं बोलना बंद कर दी है, चाहे वह कश्मीरी हो, डोगरी हो या फिर गुजरी हो। अब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसके माता-पिता 'यहां आओ', 'वहां जाओ' के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हैं।"

इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया कि अगर वे अपनी भाषा को खत्म होने से बचाना चाहते हैं तो कम से कम अपने घरों में अपने बच्चों के साथ अपनी मातृभाषा में बात करना शुरू करें।

मालूम हो कि महबूबा मुफ्ती ने यह बात उस वक्त कही है, जब बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को सही ठहराते हुए उसे वैध बताया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाला अनुच्छेद 370 का प्रावधान "अस्थायी" था। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महबूबा की पार्टी पीडीपी ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अपनी सभी राजनीतिक गतिविधियों को सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया था।

Web Title: “Your house, your water, your land can be taken away but no one can take away your language”, Mehbooba Mufti said

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