यूपी में भाजपा की हार के बाद हुई योगी-शाह की मुलाकात, सूबे की सियासत पर हुआ गंभीर मंथन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 10, 2024 13:27 IST2024-06-10T13:20:27+5:302024-06-10T13:27:48+5:30
नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में विभागों की घोषणा से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

साभार: एक्स
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में विभागों की घोषणा से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सीएम योगी ने अमित शाह के अलावा देश की राजधानी में राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से भी उनके आवास पर जाकर मुलाकात की।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी उन लगभग 30 सांसदों में शामिल थे, जिन्हें बीते रविवार को पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में एक विस्तृत कार्यक्रम में पद की शपथ ली, जिसमें घरेलू और विदेशी कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
लोकसभा नतीजों की घोषणा के बाद योगी आदित्यनाथ की अमित शाह से यह पहली आमने-सामने की मुलाकात है। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं है और खासकर उत्तर प्रदेश में पार्टी को बहुत तगड़ा झटका लगा है। चुनाव नतीजों के बाद भाजपा लोकसभा में साधारण बहुमत हासिल करने में भी 32 सीटों से पीछे रह गई। हालाँकि, 240 सीटों के साथ भाजपा देश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
पिछले सप्ताह भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का गठन हुआ था। भाजपा अब सदन में बहुमत की संख्या 272 के लिए अपने सहयोगियों एन चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर निर्भर है।
कुल मिलाकर लोकसभा में एनडीए के 293 सदस्य होंगे। विपक्ष के इंडिया गुट ने लोकसभा चुनाव में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया और उसके कुल 234 सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं।
भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में निराशाजनक रहा, जो 2014 और 2019 के आम चुनावों में अपनी शानदार जीत के बाद पार्टी का गढ़ बन गया था। पार्टी ने 2017 और 2022 में दो विधानसभा चुनाव भी जीते थे। योगी आदित्यनाथ ने 2022 में भाजपा के यूपी अभियान का नेतृत्व किया था।
भाजपा ने 2019 में यूपी में 60 से अधिक सीटें जीतीं, जबकि 2024 के आम चुनावों में पार्टी 33 सीटों पर सिमट गईं। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने एग्जिट पोल को नकारते हुए अप्रत्याशित रूप से 37 लोकसभा सीटें अपने नाम की।
जबकि लगभग-लगभग सभी एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि भाजपा उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरी बार शानदार जीत दर्ज करेगी।