उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में सीएम आवास पर शनिवार (28 सितंबर) को कश्मीरी छात्रों से हुई मुलाकात को लेकर कहा कि वह उनके स्थानीय अभिभावक हैं इसलिए जिम्मेदारी बनती है कि उनकी बातें सुनूं।
सीएम योगी ने कहा, मैंने विश्वास-निर्माण के उपाय के तौर पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और अलीगढ़ में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्रों के साथ बातचीत की। मैं खुद को यहां उनका स्थानीय अभिभावक देखता हूं और उनकी बातें सुनना मेरी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के करीब 70 छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हम एक लोकतंत्रिक समाज में रह रहे हैं तो इस बात को ध्यान में रखना होगा कि संवाद सबसे बड़ा माध्यम हो सकता है। इस नजरिये से हमें एक नये सिरे से प्रयास करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बात को भी ध्यान में रखें कि वास्तव में लोकतंत्र का मतलब क्या है। हमारे जीवन में खुशहाली तभी आयेगी, जब विकास होगा। इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है। आम नागरिक को अपनी बुनियादी सुविधाओं और रोजगार की गारंटी चाहिये। उसके सामने एक अच्छे भविष्य का सुनहरा सपना स्पष्ट दिखायी देना चाहिये। उस दिशा में हम सब मिलकर एक बेहतर पहल कर सकते हैं।’’
सीएम योगी ने कहा, ‘‘प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्र-छात्राएं पढ़ रही हैं। हम जल्द ही नोएडा में उनके साथ बातचीत करेंगे। गाजियाबाद, अलीगढ़ और प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भी कश्मीरी छात्र-छात्राएं हैं। उन सभी के साथ हमने संवाद की प्रक्रिया शुरू की है। समय-समय पर एक अच्छी सोच और भरोसे के साथ विकास की प्रक्रिया के साथ स्वयं भी जोड़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपनी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी भी दी। इसके पूर्व, कश्मीरी छात्र-छात्राओं को प्रशासन की निगरानी में बंद वाहनों से मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचाया गया। इस दौरान मीडिया कवरेज पर पूरी तरह पाबंदी रही। कार्यक्रम की कवरेज के लिये पहले मीडिया को आमंत्रित किया गया था, मगर ऐन मौके पर उसे मना कर दिया गया। बाद में एक टीवी चैनल पर कार्यक्रम का सजीव प्रसारण हुआ, लेकिन कश्मीरी छात्र-छात्राओं के सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू होने के साथ प्रसारण रोक दिया गया।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)