भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। इस मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने शुक्रवार (6 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है।
संजय सिंह ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, 'बैंक में भी आपका पैसा सुरक्षित नहीं है। बीजेपी सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों पर बकाया लाखों करोड़ का कर्ज वसूलने में नाकाम रही है। 'बैंक खाली हो गए, जनता कंगाल हो रही है, बीजेपी के पूंजीपति मित्र मालामाल हो रहे हैं।' फिलहाल बीजेपी ने बड़ी चालाकी से देश को हिंदू-मुसलमान में व्यस्त कर दिया है।'
दरअसल, आरबीआई द्वारा येस बैंक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद बैंक के परेशान जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिल रही हैं तो कहीं एटीएम में धन नहीं मिल रहा है। येस बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ रही है।
बैंक में भी आपका पैसा सुरक्षित नही भाजपा सरकार बड़े-बड़े पूँजीपतियों पर बकाया लाखों करोड़ का क़र्ज़ वसूलने में नाकाम रही “बैंक ख़ाली हो गये जनता कंगाल हो रही है भाजपा के पूँजीपति मित्र मालामाल हो रहे हैं” फ़िलहाल भाजपा ने बड़ी चालाकी से देश को हिंदू मुसलमान में व्यस्त कर दिया है pic.twitter.com/NOiIR4vXSA
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 6, 2020
आरबीआई ने येस बैंक के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया गया है। साथ ही साथ सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया। उसने येस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा।
रिजर्व बैंक ने बीते दिन देर शाम को एक बयान जारी कर कहा है कि केंद्रीय बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना के अभाव, सार्वजनिक हित और बैंक के जमाकर्ताओं के हित में उसके सामने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 की धारा 45 के तहत रोक लगाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। इसने साथ में येस बैंक के जमाकर्ताओं को यह आश्वासन भी दिया कि उनके हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
इससे पहले 2004 में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक का ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में विलय किया गया था। 2006 में आईडीबीआई बैंक ने यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक का अधिग्रहण किया था। इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद शहर के सहकारी बैंक पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था।