101 हिंसक घटनाओं में शामिल यासीन मलिक पर चला चाबुक, प्रतिबंध बरकरार, कश्मीरी पंडितों की हत्याओं में शामिल था JKLF

By भाषा | Published: September 26, 2019 02:47 PM2019-09-26T14:47:06+5:302019-09-26T14:47:06+5:30

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में बुधवार रात बताया गया है कि न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने जेकेएलएफ-मलिक पर प्रतिबंध सही ठहराया है। जेकेएलएफ-मलिक को इस साल 22 मार्च में प्रतिबंधित किया गया था। इस संगठन पर भारतीय संघ के उग्रवाद से प्रभावित राज्य कश्मीर के लिये अलगाववाद को ‘बढ़ावा’ देने का आरोप है।

Yasin Malik involved in 101 violent incidents, ban continues, JKLF was involved in the murders of Kashmiri Pandits | 101 हिंसक घटनाओं में शामिल यासीन मलिक पर चला चाबुक, प्रतिबंध बरकरार, कश्मीरी पंडितों की हत्याओं में शामिल था JKLF

1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद को अगवा करने में संलिप्तता का आरोप है।

Highlightsन्यायाधिकरण ने जेकेएलएफ-मलिक पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध बरकरार रखा।सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद होने की घटना के इस संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया।

दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधिकरण ने यासीन मलिक की अगुवाई वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध सही ठहराया है।

गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में बुधवार रात बताया गया है कि न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने जेकेएलएफ-मलिक पर प्रतिबंध सही ठहराया है। जेकेएलएफ-मलिक को इस साल 22 मार्च में प्रतिबंधित किया गया था। इस संगठन पर भारतीय संघ के उग्रवाद से प्रभावित राज्य कश्मीर के लिये अलगाववाद को ‘बढ़ावा’ देने का आरोप है।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी महीने में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद होने की घटना के इस संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। इस संगठन पर प्रतिबंध लगाते हुए केंद्र ने कहा था कि उसका विचार है कि जेकेएलएफ का ‘आतंकवादी संगठनों के साथ करीबी संपर्क है’ और यह जम्मू-कश्मीर तथा अन्य जगह पर आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है।

जेकेएलएफ-यासिन को प्रतिबंधित करने के अपने फैसले पर केंद्र ने हत्या, अपहरण, बमबारी और उगाही की 101 हिंसक घटनाओं का हवाला दिया था। इसमें श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में 25 जनवरी, 1990 को भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या और 10 को गंभीर रूप से घायल करने का मामला भी शामिल है।

इसके अलावा 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद को अगवा करने में संलिप्तता का आरोप है। तत्कालीन मुख्यमंत्री की बेटी को छोड़ने के बदले चार आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की गई थी।

जेकेएलएफ जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में आगे रहा है और वह 1989 में घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं में शामिल था। यासिन मलिक फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। जेकेएलएफ की स्थापना पाकिस्तानी नागरिक अमानुल्लाह खान ने मध्य 1970 में ब्रिटेन के बर्मिंघम में की थी।

यह संगठन 1971 में उस समय सुर्खियों में आया जब इसके सदस्यों ने श्रीनगर से जम्मू जा रहे भारतीय एयरलाइंस के एक विमान का अपहरण कर लिया था। इसके अलावा यह संगठन ब्रिटेन में तैनात भारतीय राजनयिक रविंद्र म्हात्रे की 1984 में हुई हत्या में भी शामिल रहा है। इसके एक सप्ताह बाद भारत ने जेकेएलएफ के आतंकवादी मकबूल भट्ट को फांसी दे दी थी। 

Web Title: Yasin Malik involved in 101 violent incidents, ban continues, JKLF was involved in the murders of Kashmiri Pandits

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