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जम्मू-कश्मीर: अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, क्या है कारण?

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: February 23, 2019 06:12 IST

जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों पर व्यापक कार्रवाई के संकेतों के बीच शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया।

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जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों पर व्यापक कार्रवाई के संकेतों के बीच शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया।मलिक को शुक्रवार को देर रात मायसूमा स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उसे गिरफ्तार कर कोठीबाग थाने ले गई। इसके बाद देर रात सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उसे शनिवार को राज्य से बाहर भेजा जा सकता है। अनुच्छेद 35-ए पर 26 से 28 फरवरी के बीच सुनवाई प्रस्तावित है।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि अभी किसी और के हिरासत में लिये जाने की पुष्टि नहीं की गयी है। पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद यह कार्रवाई सामने आयी है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे।

यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद घाटी में शुक्रवार की देर रात यह भी चर्चा शुरू हो गई कि अनुच्छेद 35-ए पर केंद्र सरकार ने कुछ सकारात्मक फैसला ले लिया है। इससे घाटी में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे निपटने के लिए ही जम्मू से सीआरपीएफ की 100 कंपनियां भेजी जा रही हैं। 

सरकार का फैसला

21 फरवरी को खबर आई थी कि सरकार के द्वारा चार अलगाववादी नेताओं के बाद अब सरकार ने 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। इस बात की जानकारी गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई थी। सरकार के इस अहम कदम के बाद अब  22 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई ।

किसकी हटाई गई सुरक्षा 

जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है।

अतना ही नहीं  155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में भी सरकार की ओर से अब अहम बदलाव किए गए हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन हुर्रियत नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां लगी हुई थीं, जो अब वापस ले ली गई हैं।

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