दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे पहुंचा, प्रयागराज में उफान पर गंगा-यमुना नदी
By अनिल शर्मा | Published: July 21, 2023 10:30 AM2023-07-21T10:30:38+5:302023-07-21T10:41:43+5:30
यमुना का जलस्तर घट रहा है लेकिन पुराने यमुना पुल के पास रह रहे, बाढ़ प्रभावित झुग्गी बस्ती के लोग अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
नयी दिल्लीःदिल्ली में यमुना का जलस्तर शुक्रवार सुबह 205.33 मीटर के खतरे के निशान से नीचे पहुंच गया और धीरे धीरे ही सही लेकिन जलस्तर के और घटने की उम्मीद है। हालांकि प्रयागराज में यमुना और गंगा नदी का जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10 बजे जलस्तर 205.25 मीटर तक पहुंच गया। पिछले दो-तीन दिनों से जलस्तर में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया है। पिछले गुरुवार को 208.66 मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद यमुना में जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है।
#WATCH दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
वीडियो पुराने यमुना पुल (लोहा पुल) से है। pic.twitter.com/fgOmvWtV9Y
यमुना का जलस्तर घट रहा है लेकिन पुराने यमुना पुल के पास रह रहे, बाढ़ प्रभावित झुग्गी बस्ती के लोग अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंतित हैं। संपत्ति के नुकसान के बाद मूलभूत सुविधाओं की कमी का सामना कर रहे झुग्गी बस्ती के ये निवासी स्वच्छता और बिजली जैसी बुनियादी चीजों की मांग को लेकर जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। छात्रों की महंगी किताबें बह गई हैं तो किसी का सामान पूरी तरह खराब हो चुका है।
उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा। pic.twitter.com/CmyFtYNqI7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
आठ दिनों तक खतरे के निशान के ऊपर बहने के बाद मंगलवार की रात आठ बजे तक जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे आ गया। बुधवार को सुबह पांच बजे यह घटकर 205.22 मीटर रह गया, लेकिन इसके बाद यह फिर से बढ़ने लगा और खतरे के निशान को पार कर गया।
उधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। भारी बारिश होने की स्थिति में दिल्ली की नदियों में जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ग्रस्त निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की गति धीमी हो सकती है और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इसका असर पानी की आपूर्ति पर भी पड़ सकता है, जो वजीराबाद में एक पंप हाउस में पानी भर जाने के कारण चार से पांच दिनों तक प्रभावित रहने के बाद मंगलवार को ही सामान्य हो पाई।
भाषा इनपुट के साथ