'यमुना एक्सप्रेस-वे' की दुखद कहानी, यातायात शुरू होने के बाद से 800 लोगों की मौत

By भाषा | Published: July 8, 2019 06:09 PM2019-07-08T18:09:58+5:302019-07-08T18:09:58+5:30

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आरटीआई आवेदन के जवाब में 'सेव लाइफ फाउंडेशन' को दी गयी जानकारी के मुताबिक आगरा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले लगभग 165 किलोमीटर लम्बे इस एक्सप्रेस—वे पर नौ अगस्त 2012 को इस पर यातायात शुरू हुई।

Yamuna Expressway Allotted plots 5 years ago, over 800 still await possession | 'यमुना एक्सप्रेस-वे' की दुखद कहानी, यातायात शुरू होने के बाद से 800 लोगों की मौत

'यमुना एक्सप्रेस-वे' की दुखद कहानी, यातायात शुरू होने के बाद से 800 लोगों की मौत

Highlightsपिछले साल जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के एक्सप्रेस मार्गों समेत तमाम सड़कों पर कुल 14,276 हादसे रफ्तार के कारण हुए, जिनमें 7,446 लोग मारे गये।विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस साल अब तक यमुना एक्सप्रेस—वे पर हुए 15 हादसों में कुल 77 लोगों की मौत हुई है।

 उत्तर प्रदेश के आगरा में सोमवार को बस सवार 29 लोगों की मौत का गवाह बना यमुना एक्सप्रेस—वे दरअसल हादसों का ‘हाई—वे’ बन गया है। एक्सप्रेस—वे पर इस साल अब तक हुए विभिन्न हादसों में 77 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2012 में इस पर यातायात शुरू होने के बाद से अब तक हुई पांच हजार से ज्यादा दुर्घटनाओं में लगभग 800 लोगों की मौत हो चुकी है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आरटीआई आवेदन के जवाब में 'सेव लाइफ फाउंडेशन' को दी गयी जानकारी के मुताबिक आगरा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले लगभग 165 किलोमीटर लम्बे इस एक्सप्रेस—वे पर नौ अगस्त 2012 को इस पर यातायात शुरू होने से लेकर 31 जनवरी 2018 के बीच अलग—अलग कारणों से 4,880 हादसे हुए, जिनमें 703 लोगों की मौत हुई और 7,488 लोग घायल हुए।

विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस साल अब तक यमुना एक्सप्रेस—वे पर हुए 15 हादसों में कुल 77 लोगों की मौत हुई है और 114 अन्य घायल हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस मार्गों पर वाहन चलाने की गति सीमा का उल्लंघन किये जाने की वजह से सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।

पिछले साल जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के एक्सप्रेस मार्गों समेत तमाम सड़कों पर कुल 14,276 हादसे रफ्तार के कारण हुए, जिनमें 7,446 लोग मारे गये। फाउंडेशन के मुख्य अधिशासी अधिकारी पीयूष तिवारी के मुताबिक राजमार्गों पर निगरानी के ढांचे को मजबूत करने की सख्त जरूरत है। सिर्फ वर्ष 2017 में ही एक्सप्रेस—वे समेत तमाम राजमार्गों पर हुए हादसों में 9,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर राजमार्गों पर ‘क्रैश बैरियर्स’ नहीं हैं। साथ ही अन्य उपायों की भी कमी है। इन कमियों पर फौरन ध्यान देने और तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। 

Web Title: Yamuna Expressway Allotted plots 5 years ago, over 800 still await possession

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