नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला पहलावानों के प्रदर्शन और उनके द्वारा पदक को गंगा में बहा देने के फैसले पर बोलते हुए पूछा कि बबीता फोगाट विरोध करने वाले पहलवानों का समर्थन क्यों नहीं कर रही हैं, जो उनके परिवार के सदस्य हैं? स्मृति ईरानी ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि "मैंने बबीता फोगाट जी के साथ बातचीत की। क्या आपको लगता है कि बबीता फोगाट जैसी विश्व प्रसिद्ध पहलवान उन लोगों के साथ बैठेगी, जिन्होंने दूसरों और विशेष रूप से उनके परिवार के सदस्यों का शोषण किया?
टाइम्स नाउ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि पहलवानों ने कहा कि अपने पदक शाम 6 बजे विसर्जित करेंगे और 8 बजे तक नहीं किया। क्यों नहीं किया। जो लोग कानूनों के बारे में जानते हैं, वे जानते हैं कि कानूनी प्रक्रिया चल रही है। अगर अब कोई हस्तक्षेप होता है, तो यह उन महिलाओं के खिलाफ जाएगा।
महिला पहलवानों पर यौन उत्पीड़न को लेकर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले प्रदर्शनकारी पहलवानों को जंतर मंतर से खदेड़ दिए जाने के बाद मंगलवार बयान जारी कर कहा कि वे अपने पदक शाम 6 बजे हरिद्वार में गंगा में बहा देंगे। हालांकि नरेश टिकैत के हस्तक्षेप से उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया।
ईरानी ने कहा कि "मैं जानना चाहता हूं कि विपक्षी नेता इन पहलवानों को निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच से क्यों वंचित करना चाहते हैं। क्या आपको लगता है कि बबीता फोगाट अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ ऐसे ही खड़ी रहेंगी?"
केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि एक सांसद और एक महिला के रूप में, मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि कांग्रेस को अमेठी की सुधा सिंह के बारे में पता नहीं था, जिन्हें 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। बेहतर होगा कि कांग्रेस परिवार इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से बाज आए। लेकिन यह यह उनकी आदत है और वे करेंगे। एक महिला के रूप में, मैं यह फिर से कह रही हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की है और इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगी।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया की निंदा की और पूछा कि क्या केंद्रीय मंत्री ने अपनी टिप्पणी के माध्यम से महिला पहलवानों पर पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया- इसका उत्तर देने से पहले, यह मत भूलिए कि आप एक बेटी की माँ भी हैं। क्या आप इन बेतुके जवाबों के बाद अपनी बेटी से आँख मिला सकती हैं?
बीजेपी सांसद और पूर्व पहलवान बबीता फोगाट जंतर मंतर से शुरू हुए दूसरे चरण में पहलवानों के विरोध से दूर नजर आईं, जबकि इस साल की शुरुआत में हुए पहले चरण में बबीता ने सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मध्यस्थ बनी थीं। बबीता ने विरोध स्थल पर प्रियंका गांधी वाड्रा की उपस्थिति का विरोध किया था और कहा था कि प्रियंका वड्रा अपने निजी सचिव संदीप सिंह को ले कर जंतर मंतर महिला पहलवानों को न्याय दिलाने पहुँची हैं लेकिन इस व्यक्ति पर ख़ुद महिलाओं से छेड़छाड़ और एक दलित महिला को दो कौड़ी की औरत कहने जैसे तमाम आरोप लगे हैं।