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दुनियाभर में 2019 में 93 करोड़ टन खाद्यान्न बर्बाद हुआ, हर भारतीय साल में औसतन 50 किलोग्राम भोजन करता है बेकार

By अनुराग आनंद | Updated: March 5, 2021 15:32 IST

अमेरिका में घरों में बर्बाद होने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 59 किलोग्राम है।

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ठळक मुद्देचीन में प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 64 किलोग्राम तक अनाज बर्बाद करता है।संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट में सरकार व आमलोगों की भागीदारी से अनाज की बर्बादी को रोकने की बात कही गई है।

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 में एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में 93 करोड़ 10 लाख टन खाद्यान्न बर्बाद हुआ और इसमें भारत में घरों में बर्बाद हुए भोजन की मात्रा छह करोड़ 87 लाख टन है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और साझेदार संगठन डब्ल्यूआरएपी की ओर से जारी खाद्यान्न बर्बादी सूचकांक रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि 2019 में 93 करोड़ 10 लाख टन खाद्यान्न बर्बाद हुआ।

2019 में बर्बाद होने वाले कुल खाद्यान में से 61 प्रतिशत खाद्यान्न घरों से बर्बाद होता है-

2019 में जो 93 करोड़ 10 लाख टन खाद्यान्न बर्बाद हुआ, इनमें से 61 प्रतिशत खाद्यान्न घरों से , 26 प्रतिशत खाद्य सेवाओं और 13 प्रतिशत खुदरा क्षेत्र से बर्बाद हुआ। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि यह इस ओर इशारा करता है कि कुल वैश्विक खाद्य उत्पादन का 17 प्रतिशत भाग बर्बाद हुआ होगा। एजेंसी ने कहा कि,‘‘ इसकी मात्रा 40 टन क्षमता वाले दो करोड़ 30 लाख पूरी तरह से भरे ट्रकों के बराबर होने का अनुमान है।’’

भारत के घरों में प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 50 किलोग्राम अनाज बर्बाद होता है-

भारत में घरों में बर्बाद होने वाले भोजन (खाद्य पदार्थ) की मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 50 किलोग्राम होने का अनुमान है। इसी प्रकार अमेरिका में घरों में बर्बाद होने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 59 किलोग्राम अथवा एक वर्ष में 19,359,951 टन है। चीन में यह मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 64 किलोग्राम अथवा एक वर्ष में 91,646,213 टन है।

बिजनेसमैन, सरकारों और दुनिया भर के आम लोगों को खाद्यान्न की बर्बादी को संकट से बचने के लिए रोकना होगा-

यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक इंगर एडंरसन ने कहा कि अगर हमें जलवायु परिवर्तन ,प्रकृति और जैव विविधता के क्षरण तथा प्रदूषण और बर्बादी जैसे संकटों से निपटने के लिए गंभीर होना है तो कारोबारों, सरकारों और दुनिया भर में लोगों को खाद्यान्न की बर्बादी को रोकने में अपनी भूमिका निभानी होगी।  

(एजेंसी इनपुट)

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