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World Food Day 2020: लोगों के पेट भरने के मामले में बंग्लादेश, पाकिस्तान व नेपाल से भी पीछे भारत, जानें दुनिया में स्थिति?

By अनुराग आनंद | Updated: October 16, 2020 13:10 IST

जीएचआई द्वारा साझा किए गए इस लिस्ट में निचली रैंकिंग वाले देशों में भुखमरी की स्थिति गंभीर होती है। भारत की रैंकिंग लिस्ट में पीछे से 13वें स्थान पर है। इसका अर्थ है कि 13 देशों की स्थिति भारत से भी खराब है।

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ठळक मुद्देभारत को इस साल इस रिपोर्ट में 27.2 अंक ही मिले हैं, जो कि भुखमरी की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।2020 में पड़ोसी देश पाकिस्तान इस रैंकिंग में 88वें स्थान पर है जो 2019 में 94वें पर था।

नई दिल्ली: आज (16 अक्टूबर 2020) दुनिया भर में वर्ल्ड फूड डे मनाया जा रहा है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र संगठन के महत्वपूर्ण अंग फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के वर्षगांठ पर मनाया जाता है। 

कोरोना संकट के इस दौर में एक तरफ आम लोगों के बेहतर स्वास्थ के लिए पोषक तत्वों वाले खान-पान की आवश्यकता होती है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से काम धंधा ठप होने की वजह से लाखों लोद दुनिया भर में भूखे रहने या फिर किसी तरह पेट भर पाने के लिए मजबूर हो गए हैं। 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की मानें तो 2020 में दुनिया भर के 107 देशों में से भारत 27.2 स्कोर के साथ 94वें रैंक पर है। इससे साफ है कि जिन 107 देशों का डेटा जीएचआई की तरफ से इस साल साझा किया गया है, उनमें से मात्र 13 देशों में भूख की वजह से लोग भारत से ज्यादा परेशान हैं। यदि 2019 की बात करें तो इस साल 15 देशों की स्थिति भारत से भी खराब थी।

भारत से बेहतर स्थिति में नेपाल व बंग्लादेश-

जीएचआई द्वारा साझा किए गए इस लिस्ट में निचली रैंकिंग वाले देशों में भुखमरी की स्थिति गंभीर होती है। भारत को पिछले साल इस रिपोर्ट में 30.3 अंक ही मिले थे, जो कि भुखमरी की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। इस साल इसमें थोड़ा सुधार होकर 27.2 अंक पर आया है। लेकिन, अब भी भारत की स्थिति को खराब ही बताया गया है।

वहीं, 2020 में पड़ोसी देश पाकिस्तान 88वें जो 2019 में 94वें पर था, बांग्लादेश 75वें जो पिछले साल 88वें पर था, नेपाल 73वें जो पिछले साल भी इसी रैंक पर था और श्रीलंका 64 वें जो पिछले साल 66वें रैंक पर था। यह सभी पड़ोसी देश भारत से बेहतर रैंकिंग में रखे गए हैं।

2019 में ही नरेंद्र मोदी सरकार ने जीएचआई के आंकड़े को बता दिया था गलत-

बता दें कि इससे पहले अक्टूबर 2019 में जब जीएचआई ने आंकड़ा साझा किया और नरेंद्र मोदी सरकार की किरकिरी हुई तो सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संगठन के महत्वपूर्ण अंग फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के डेटा को गलत बता दिया था। 

दरअसल, अक्टूबर 2019 में जारी हुई ग्लोबल हंगर इंडेक्स रैंकिंग के मुताबिक, भारत 117 देशों में 102वें स्थान पर था। इस साल 107 देशों का ही डेटा साझा किया गया है, जिसमें भारत 94 रैंक पर है। इस लिस्ट में 0 से 100 अंकों के आधार पर रैंकिंग होती है। जो देश सबसे ज्यादा अंक पाता है, उसकी स्थिति बेहतर मानी जाती है।

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