अयोध्या में प्रभु श्रीराम की भव्य प्रतिमा के लिए तेजी से हो रहा है काम, खर्च होंगे 4000 करोड़ रुपये
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 17, 2019 09:36 IST2019-11-17T09:36:55+5:302019-11-17T09:36:55+5:30
Lord Ram Statue in Ayodhya: पहली किस्त के रूप में 100 करोड़ रुपये जारी करने का पत्र शासन को भेज दिया गया है। मीरापुर दोआबा में भगवान राम की प्रतिमा के लिए करीब 150 एकड़ जमीन अधिगृहित की जाएगी जिसे चिन्हित कर लिया गया है।

अयोध्या में प्रभु श्रीराम की भव्य प्रतिमा के लिए तेजी से हो रहा है काम, खर्च होंगे 4000 करोड़ रुपये
अयोध्या में प्रभु श्रीराम की विशाल प्रतिमा स्थापित करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। जमीन अधिगृहण के लिए शासन से स्वीकृति मिल गई है। राज्यपाल ने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव को इसके लिए नामित किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। पहली किस्त के रूप में 100 करोड़ रुपये जारी करने का पत्र शासन को भेज दिया गया है। मीरापुर दोआबा में भगवान राम की प्रतिमा के लिए करीब 150 एकड़ जमीन अधिगृहित की जाएगी जिसे चिन्हित कर लिया गया है।
इस प्रोजेक्ट की खास बातेंः-
- प्रभु श्री राम की भव्य प्रतिमा की उंचाई 251 मीटर हो सकती है। गौरतलब है कि इस वक्त दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है जिसकी ऊंचाई 181 मीटर है।
- श्रीराम की प्रतिमा के साथ ही रिवर फ्रंट निर्माण को भी परियोजना में शामिल किया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट अनुमानित लागत करीब 4000 करोड़ रुपये है।
- राजकीय निर्माण निगम के एमडी यूके गहलोत ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की ड्राइंग-डिजाइन तैयार करने के लिए विश्वस्तरीय कंसल्टेंट की सेवाएं ली जाएंगी।
- श्री राम की प्रतिमा के अलावा आस-पास के इलाके को पर्यटन के अनुकूल बनाने के लिए अधिग्रहीत भूमि पर डिजिटल म्यूजियम और रिवर फ्रंट श्रद्धालुओं के आकर्षण के प्रमुख केंद्र बनेंगे।
- 251 मीटर लंबी भगवान राम की प्रतिमा में 50 मीटर पेडेस्टेल की ऊंचाई, 178 मीटर लंबी प्रतिमा एवं 23 मीटर मूर्ति की छतरी होगी।
- जमीन खरीदने के बाद इस परियोजना का शिलान्यास करवाया जा सकेगा। इस प्रॉजेक्ट को राम मंदिर पर काम शुरू होने के पहले ही शुरू करने पर मंथन हो रहा है।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को फैसला सुनाया था जिसके बाद विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। मस्जिद के लिए अयोध्या में किसी और स्थान पर पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। सरकार अयोध्या को पर्यटन के लिहाज बेहद विकसित करने की योजना पर काम कर रही है।