अगले 4 सालों में मेडिकल की स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बराबर करने पर हो रहा है काम- बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया
By भाषा | Published: February 12, 2023 07:42 AM2023-02-12T07:42:14+5:302023-02-12T08:10:12+5:30
इस पर बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि "आठ साल पहले भारत में एमबीबीएस की 51 हजार सीटें थीं। अब हमारे पास स्नातक पाठ्यक्रम की 1,00,226 सीटें हैं और स्नातकोत्तर की सीटें 34 हजार से बढ़कर 64 हजार हो गई हैं।"
गांधीनगर: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि सरकार अगले चार साल में मेडिकल की स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की सीटों की संख्या समान करने की दिशा में काम कर रही है ताकि सभी एमबीबीएस स्नातक विद्यार्थी स्नातकोत्तर कर सकें।
ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजन (जीएपीआईओ) के 13वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांडविया ने भारतीय मूल के स्वास्थ्य पेशेवरों को देश में अनुंसधान और अस्पतालों की श्रृंखला में 'निश्चित कारोबार' के साथ निवेश का भी न्योता दिया है।
पिछले 8 सालों में सीटों में हुआ है भारी इजाफा- सरकार
मामले में बोलते हुए मनसुख मांडविया ने कहा है कि "जब हम दवाखाना खोलते हैं तो हमें डॉक्टरों की जरूरत होती है। आठ साल पहले भारत में एमबीबीएस की 51 हजार सीटें थीं। अब हमारे पास स्नातक पाठ्यक्रम की 1,00,226 सीटें हैं और स्नातकोत्तर की सीटें 34 हजार से बढ़कर 64 हजार हो गई हैं।"
एमबीबीएस और पीजी सीटों की संख्या को समान रखने की हो रही है कोशिश- मंत्री मनसुख मांडविया
मांडविया ने कहा, "हमने एमबीबीएस और पीजी सीटों की संख्या को सामान करने का लक्ष्य रखा है ताकि हमारे सभी डॉक्टरों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में पंजीकृत होने और बेहतर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सके।" ऐसे में इस पर बोलते हुए मंत्री जी ने आगे कहा है कि आने वाले चार सालों में मेडिकल की स्नातक, स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बराबर करने पर भी काम हो रहा है।