पेगासस स्पाईवेयर के ज़रिए जासूसी मामले में लीक हुई फोन नंबर्स की लिस्ट में, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला और उसके परिजनों के नंबर भी पाए गए हैं।
रंजन गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला, उसके पति, दो भाई और दूसरे लोगों को मिला कर कुल 11 लोगों के फ़ोन नंबर पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाली कंपनी NSO के डेटाबेस में पाए गए हैं।
भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में पहला केस'द वायर' की रिपोर्ट में दावा किया गया हैं कि मई 2019 में, जिस समय सुप्रीम कोर्ट का विशेष पैनल महिला के आरोपों पर सुनवाई कर रहा था, उस वक्त भी महिला का फोन निगरानी की संभावित सूची में था। यानी सुनवाई के दौरान क्या हुआ, इसकी जानकारी दूर बैठे लोगों तक पहुंच रही थी। भारत की न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार किसी CJI पर यौन शोषण का आरोप लगा था। सीजेआई रंजन गोगोई पर उन्हीं के दफ़्तर में काम कर चुकी 35 वर्षीय की जूनियर कोर्ट असिस्टेंट ने यह आरोप लगाया था।
यह था पूरा मामलाअक्टूबर 2018 में लिखे अपने 28 पेज के शिकायत पत्र ने महिला ने सीजेआई गोगोई पर गंभीर आरोप लगाए थे, महिला के मुताबिक गोगोई ने अपने निवास कार्यालय पर उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ की और जब उसने इसका विरोध किया तो उसे कई तरह से परेशान किया गया और अंत में उसे नौकरी से भी सस्पेंड कर दिया गया था। महिला के पति और देवर दोनों दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं, दिसंबर 2018 में दोनों को दिल्ली पुलिस से निलंबित कर दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने इस वक्त निलंबन और महिला के आरोपों के बीच किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था। जून 2019 में दोनों की फिर से बहाली कर दी गई थी। महिला को भी सुप्रीम कोर्ट में नौकरी पर बहाल कर दिया गया हैं।सीजेआई गोगोई को क्लीन चिट मिलने के बाद महिला ने कहा था, 'जिसका मुझे डर था वही हुआ, भारतीय नारी के तौर पर मेरे साथ घोर अन्याय हुआ है।'
पेगासस सॉफ़्टवेअर बनाने वाली इज़रायली कंपनी एनएसओ का दावा हैं कि वह सिर्फ और सिर्फ सरकारों और सरकारी एजेंसियों को ही यह सॉफ़्टवेअर देती है, किसी और को नहीं। ऐसे में मोदी सरकार पेगासस स्पाईवेयर मामले में घिरती नजर आ रही हैं।