इन चार डिजाइन संस्स्थानों को राष्ट्रीय महत्व देने वाले विधेयक को संसद में मिली मंजूरी

By भाषा | Updated: November 26, 2019 19:06 IST2019-11-26T19:06:38+5:302019-11-26T19:06:38+5:30

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने से डिजाइन शिक्षा सामाजिक तौर पर अधिक समावेशी होगी। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि वरिष्ठ डिजाइनर के स्थान पर प्रधान डिजाइनर के पद को प्रोफेसर के समान माना जाएगा।

Winter session 2019: Parliament approved the National Institute of Design Amendment Bill | इन चार डिजाइन संस्स्थानों को राष्ट्रीय महत्व देने वाले विधेयक को संसद में मिली मंजूरी

इन चार डिजाइन संस्स्थानों को राष्ट्रीय महत्व देने वाले विधेयक को संसद में मिली मंजूरी

Highlightsसंसद ने मंगलवार को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दीयह विधेयक ‘न्यू इंडिया एवं मॉडर्न इंडिया’ की सभी अकांक्षाओं को पूरा करेगा।

संसद ने मंगलवार को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें अमरावती, भोपाल, जोरहट और कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों (एनआईडी) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है।

लोकसभा में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक के माध्यम से अमरावती (आंध्र प्रदेश), भोपाल (मध्य प्रदेश), जोरहट (असम) और कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों (एनआईडी) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है ताकि इन संस्थानों के छात्रों को डिग्री प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।

उन्होंने कहा कि हम भारत को डिजाइन के क्षेत्र में केंद्र बनाना चाहते हैं और यह विधेयक इस दिशा में एक प्रयास है। मंत्री के जवाब के बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने विधेयक में संशोधन की मांग की और एक उपबंध में मध्य प्रदेश की जगह पश्चिम बंगाल करने पर जोर दिया। राय ने इस विषय पर मत विभाजन की मांग की। तृणमूल सांसद का संशोधन 23 के मुकाबले 93 मतों से नामंजूर हो गया।

इसके बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर करते हुए विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इससे पहले यह विधेयक अगस्त में राज्यसभा में पारित हो चुका है। इस विधेयक के जरिये 2014 के मूल कानून में संशोधन किया जाएगा। विधेयक के कारणों एवं उद्देश्यों में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम एवं हरियाणा के एनआईडी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान किया जाए।

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने से डिजाइन शिक्षा सामाजिक तौर पर अधिक समावेशी होगी। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि वरिष्ठ डिजाइनर के स्थान पर प्रधान डिजाइनर के पद को प्रोफेसर के समान माना जाएगा। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा की किरण खेर ने कहा कि इस कदम से न सिर्फ डिजाइन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं को फायदा होगा बल्कि विश्व पटल पर डिजाइन के क्षेत्र में भारत की स्थिति में भी इजाफा होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) की संचालन परिषद में जनजातीय कार्य मंत्रालय के एक प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाए ताकि पाठ्यक्रमों में आदिवासी समुदाय से जुड़ी कलाओं को जगह मिल सके। किरण ने कहा कि यह विधेयक ‘न्यू इंडिया एवं मॉडर्न इंडिया’ की सभी अकांक्षाओं को पूरा करेगा। द्रमुक के वी. कलानिधि ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक से छात्रों को फायदा होगा और उनके हितों की रक्षा होगी।

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चार नए संस्थान खोलने के लिए 474 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। सवाल यह है कि चार नए संस्थान इतने कम पैसे में कैसे प्रभावी ढंग से संचालित होंगे। कांग्रेस के हिबी इडेन ने चार नए एनआईडी खोलने के प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि इससे डिजाइन की शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।

उन्होंने केरल के कोच्चि में एक एनआईडी स्थापित करने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी राय ने ऐसे संस्थानों में प्रशिक्षण का स्तर सुधारने की जरूरत बताई। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एल एस देवरायुलू ने कहा कि पूरे देश में एनआईडी संस्थान होने चाहिए। भाजपा के किरीट सोलंकी ने भी हर राज्य में अहमदाबाद के एनआईडी की तर्ज पर गुणवत्ता वाले डिजाइन प्रशिक्षण संस्थान खोलने की मांग की।

उन्होंने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, महिला और गरीब अभ्यर्थियों के लिए शुल्क में छूट या निशुल्क शिक्षा देने की मांग की। तेलुगूदेशम पार्टी के जयदेव गल्ला ने कहा कि अमरावती में बन रहे एनआईडी में अभी तक बुनियादी ढांचा पूरा नहीं हुआ है, इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सोचना चाहिए कि हम अपने प्रतिभाशाली कलाकारों और विविध कलाओं को डिजाइन के छात्रों से कैसे जोड़ सकते हैं।

बसपा के रीतेश पांडेय ने उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में ऐसे संस्थानों की अत्यधिक जरूरत बताई ताकि रोजगार के अवसर बढ़ सकें। उन्होंने हस्तशिल्प आदि के प्रशिक्षण को भी एनआईडी की पढ़ाई में शामिल करने की मांग की। तेलंगाना राष्ट्र समिति के बीबी पाटिल ने आंध्र प्रदेश के अमरावती की तर्ज पर तेलंगाना में एक अलग डिजाइन संस्थान खोलने की मांग की।

कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि अभी भारत डिजाइनों के पंजीकरण के मामले में अमेरिका और चीन जैसे देशों से बहुत पीछे है। इस दिशा में काम होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय डिजाइन नीति लाने की मांग की। चर्चा में माकपा के ए आरिफ, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर, भाजपा के पल्लव लोचन दास, बीजद के अनुभव मोहंती, बसपा के मलूक नागर, जदयू के रामप्रीत मंडल, कांग्रेस के वसंतकुमार और कुछ अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।

Web Title: Winter session 2019: Parliament approved the National Institute of Design Amendment Bill

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