जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन का विरोध करने के लिए पीएसी शताब्दी समारोह का बहिष्कार करेंगे : गोयल
By भाषा | Updated: December 3, 2021 17:06 IST2021-12-03T17:06:07+5:302021-12-03T17:06:07+5:30

जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन का विरोध करने के लिए पीएसी शताब्दी समारोह का बहिष्कार करेंगे : गोयल
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम में मार्च में किए गए “असंवैधानिक” संशोधनों का विरोध करने के लिए वे संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के शताब्दी समारोहों का बहिष्कार करेंगे।
गोयल ने कहा कि राज्य विधानसभाओं में लोक लेखा समितियों के अध्यक्षों और विधानसभा अध्यक्षों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जिसे प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा, “संसद की लोक लेखा समिति के शताब्दी समारोह में दिल्ली विधानसभा का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। दो दिवसीय कार्यक्रम में न तो मैं और न ही दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति की अध्यक्ष आतिशी (मार्लेना) शामिल होंगी।”
उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखेंगे और आरोप लगाया कि केंद्र जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन करके दिल्ली विधानसभा समितियों की शक्तियों को "प्रभावित" करना चाहता है।
गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “इस मामले पर हमने कई मंचों के जरिए अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। हमने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी लिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तो अब, अधिनियम में इन असंवैधानिक संशोधनों का विरोध करने के लिए, हमने चार और पांच दिसंबर को संसद की लोक लेखा समिति के शताब्दी समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।”
उन्होंने कहा कि विधानसभा समितियां पारदर्शिता स्थापित करने और सरकार तथा उसके विभागों के कार्यों पर नजर रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन के माध्यम से, केंद्र ने विधानसभा समितियों की इन शक्तियों को “छीन” लिया है।
इससे पहले अगस्त में, गोयल ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा जीएनसीटीडी अधिनियम के उस हिस्से को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेगी, जो विधानसभा समितियों की शक्तियों को "छीनने" के बारे में है।
मार्च में संसद में पारित संशोधित जीएनसीटीडी अधिनियम, यह स्पष्ट करता है कि दिल्ली में "सरकार" का अर्थ "उपराज्यपाल" है।
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