नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में एक सरकारी स्कूल टीचर के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। महिला शिक्षिका पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है।
बताया जा रहा है कि महिला शिक्षिका पर छात्रों के माता-पिता ने कक्षा में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी और धार्मिक संवेदनशील भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि महिला शिक्षिका ने ये टिप्पणी पिछले हफ्ते की थी। एएनआई द्वारा शेयर वीडियो में एक छात्र की मां हेमा गुलाटी ने कहा कि शिक्षक ने कथित तौर पर मक्का में पवित्र पत्थर की इमारत काबा और कुरान पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
दिल्ली के सरकारी स्कूल की महिला टीचर पर 'धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल' करने का आरोप लगाते हुए विद्यार्थियों के अभिभावकों ने उन्हें हटाने की मांग की है।
एक अभिभावक ने मामले में बयान देते हुए कहा कि मेरे दो बच्चे यहां पढ़ते हैं एक कक्षा 7 में और दूसरा कक्षा 4 में। यदि शिक्षक को सजा नहीं मिलती है, तो अन्य शिक्षकों को साहस मिलेगा और वे "हमारे दीन के नहीं हैं" जैसी बातें बोलेंगे।
उन्होंने कहा कि उनसे कहा जाना चाहिए कि वे सिर्फ पढ़ाएं और उन चीजों पर बात न करें जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है... ऐसे शिक्षक का कोई फायदा नहीं जो छात्रों के बीच मतभेद पैदा करता हो।
हमारी मांग है कि उस शिक्षक को स्कूल से हटाया जाए, उसे स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहिए किसी भी स्कूल में क्योंकि वह जहां भी जाएगी ऐसा ही करेगी।
टीचर ने क्या कहा?
जानकारी के अनुसार, टीचर ने कहा, "विभाजन के दौरान, आप पाकिस्तान नहीं गए। आप भारत में रहे भारत की आजादी में आपका कोई योगदान नहीं है।"
पुलिस ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
दिल्ली पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि उसके खिलाफ उचित धाराओं के साथ मामला दर्ज किया जाएगा।
डीसीपी शाहदरा रोहित मीना ने कहा कि हमें एक स्कूल शिक्षक के बारे में छात्रों के सामने कुछ धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली। हमने मामले का संज्ञान लिया है। हमारे किशोर कल्याण अधिकारी, परामर्शदाताओं के साथ, काउंसलिंग कर रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि ऐसे दो-तीन छात्र थे इसलिए हम उन सभी की काउंसलिंग कर रहे हैं।
बता दें कि मामले में स्थानीय विधायक और आम आदमी पार्टी (आप) नेता अनिल कुमार बाजपेयी ने कथित धार्मिक अपमान के लिए शिक्षिका की आलोचना की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बाजपेयी के हवाले से कहा, "यह बिल्कुल गलत है। एक शिक्षक की जिम्मेदारी बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है। शिक्षक को किसी भी धार्मिक या पवित्र स्थान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।"
मालूम हो कि हाल ही में मुजफ्फनगर के एक निजी स्कूल में ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें महिला शिक्षिका द्वारा एक समुदाय के छात्र को दूसरे समुदाय के छात्र से पिटवाया गया है। इस मामले में यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और स्कूल को जांच पूरी होने तक बंद करा दिया गया है।