अमित शाह के नरेंद्र मोदी की कैबिनेट शामिल होने के बाद BJP अध्यक्ष पद को लेकर रस्साकशी तेज
By संतोष ठाकुर | Published: May 31, 2019 08:47 AM2019-05-31T08:47:10+5:302019-05-31T09:16:11+5:30
जे. पी. नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पसंदीदा माना जाता है. उनके पास लोकसभा चुनाव के दौरान उप्र की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी. हालांकि यह भी कहा जाता है कि जिस तरह के भरोसेमंद व्यक्ति की तलाश इस पद के लिए की जा रही है उसमें जे. पी. नड्डा को भूपेंद्र यादव से काफी कड़ी टक्कर मिल सकती है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के केंद्रीय कैबिनेट में आने के साथ ही भाजपा के अगले अध्यक्ष को लेकर पार्टी के अंदर रस्साकशी तेज हो गई है. इस पद के पहले पंक्ति के दावेदारों में भूपेंद्र यादव और जे. पी. नड्डा का नाम लिया जा रहा है. हालांकि यह भी चर्चा है कि भाजपा अध्यक्ष के लिए किसी अनजान या अप्रत्याशित चेहरे को भी आगे ले जाया जा सकता है.
जे. पी. नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पसंदीदा माना जाता है. उनके पास लोकसभा चुनाव के दौरान उप्र की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी. हालांकि यह भी कहा जाता है कि जिस तरह के भरोसेमंद व्यक्ति की तलाश इस पद के लिए की जा रही है उसमें जे. पी. नड्डा को भूपेंद्र यादव से काफी कड़ी टक्कर मिल सकती है.
इसकी वजह यह है कि बिहार के रण में भूपेंद्र यादव ने अपनी संगठल कला का कौशल मनवाया है. साथ ही पार्टी में उनकी ताकत बढ़ने का एक संकेत यह माना जा रहा है कि इस बार बिहार से नित्यानंद राय को कैबिनेट में जगह दी गई है. टिकट बंटवारे के समय गिरीराज सिंह ने सीधे आरोप लगाया था कि उनके संसदीय क्षेत्र को बदलने के पीछे नित्यानंद राय और भूपेंद्र यादव हैं.
दोनों ही यादव समुदाय से आते हैं और उन्होंने मिलकर उनका संसदीय क्षेत्र बदलवाया है. हालांकि इस गंभीर आरोपो के बाद भी जिस तरह से नित्यानंद राय कैबिनेट में आए हैं, उससे संकेत मिलता है कि भूपेंद्र यादव पार्टी के विश्वासपात्र हैं.