मुंबई: महाराष्ट्र में एक बार फिर से भाजपा-शिंदे गठबंधन और उद्धव ठाकरे गुट के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे विधायकों अयोग्यता संबंधित मामले को लेकर टिप्पणी की थी। फड़नवीस ने कहा था, "महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे-भाजपा गठबंधन एक वैध सरकार है। हमने जो किया है वह कानूनी था, संवैधानिक मानदंडों के अनुसार और कानून का ठीक से अध्ययन किया गया था, इसलिए परिणाम हमारे पक्ष में होगा।"
फड़नवीस ने आगे कहा कहा, "यह संदेश प्रसारित किया जा रहा है ताकि ठाकरे गुट के बाकी बचे 10-15 विधायक भी बगावत न करें। हमने जो भी किया वह नियमों के अनुसार और संविधान के तहत किया। हमारी सरकार ‘गद्दार’ नहीं बल्कि ‘खुद्दार’ है।" देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के नासिक में बीजेपी राज्य कार्यकारिणी को संबोधित कर रहे थे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस बायान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत भड़क गए और कहा कि फड़नवीस होते कौन हैं इस संबंध में टिप्पणी करने वाले। संजय राउत ने ट्वीट किया, "न तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय और न ही चुनाव आयोग गैर संस्थाओं की बातों पर ध्यान देता है। जीत सच्चाई की ही होगी। देवेंद्र फड़नवीस यह दावा करने वाले कौन होते हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फैसला सुनाएगा? और नारायण राणे ने घोषणा की है कि चुनाव आयोग शिंदे को शिवसेना का चुनाव चिह्न देगा?"
बता दें कि जून 2022 में शिवसेना में बगावत के बाद पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने वाले विधायकों में से 16 बागी विधायकों की अयोग्यता के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। शीर्ष अदालत बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने से जुड़े मामले पर 14 फरवरी को सुनवाई करेगी। अब सबकी नजरें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर ही टिकी हैं। शीर्ष अदालत में उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पैरवी कर रहे हैं।