‘जब अकबरुद्दीन ने सुषमा स्वराज से बोरिस जॉनसन से फोन पर बात न करने को कहा था’
By भाषा | Updated: September 25, 2021 16:57 IST2021-09-25T16:57:37+5:302021-09-25T16:57:37+5:30

‘जब अकबरुद्दीन ने सुषमा स्वराज से बोरिस जॉनसन से फोन पर बात न करने को कहा था’
नयी दिल्ली, 25 सितंबर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में 2017 में न्यायाधीश दलवीर भंडारी के सफल चुनाव के मद्देनजर ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात करने की कोशिश की थी लेकिन संयुक्त राष्ट्र में दूत सैयद अकबरुद्दीन ने उनसे ब्रिटिश नेता से बात न करने की गुजारिश की थी।
पूर्व भारतीय राजदूत ने अपनी किताब ‘‘भारत बनाम ब्रिटेन : अभूतपूर्व कूटनीतिक जीत की कहानी’’ में यह खुलासा किया है।
अकबरुद्दीन ने कहा कि आईसीजे में जीत वैश्विक मंचों के लिए भारत के हालिया दृष्टिकोण के बदलते स्वरूपों को समझने के लिए सबसे अच्छा मामला है। अकबरुद्दीन 2016 में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय के स्थायी प्रतिनिधि बने और वर्ष 2020 में भारतीय विदेश सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक इस पद पर रहे।
न चाहते हुए भी भारत को कुलभूषण जाधव मामले के लिए आईसीजे जाना पड़ा जिसने अदालत में किसी भारतीय न्यायाधीश के होने की महत्ता साबित की। आईसीजे में न्यायाधीश पद के लिए न्यायाधीश भंडारी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा का शानदार समर्थन मिला। कड़े मुकाबले के बाद ब्रिटेन ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला कर लिया था।
चुनाव से पहले वैश्विक नेताओं और अधिकारियों से काफी बातचीत की गयी थी। इनमें से एक बैठक के बाद अकबरुद्दीन को तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर का संदेश मिला कि जॉनसन नयी दिल्ली में विदेश मंत्री से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
अकबरुद्दीन ने अपनी किताब में लिखा, ‘‘मैंने उनके बाकी के संदेश भी नहीं पढ़े और तुरंत डॉ. जयशंकर को फोन लगाया। मेरी बात सुनने से पहले ही उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि शांत रहिए, हम आपके विचार जानते हैं। मैंने अनुरोध किया कि उनकी बात न होने दीजिए।...मैं बस यही सोच रहा था कि ब्रिटेन की ओर से कहीं कोई ऐसा प्रस्ताव न हो जिसे मंत्री के लिए अस्वीकार करना मुश्किल हो।
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