WhatsApp जासूसी मामला: डीयू प्रोफेसर से लेकर पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील तक बने निशाना, कई बड़े नाम शामिल

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 1, 2019 08:22 AM2019-11-01T08:22:26+5:302019-11-01T09:13:28+5:30

WhatsApp Hacking: भारत में वॉट्सऐप हैकिंग के जरिए जासूसी का निशाना बनने वालों में कई बड़े पत्रकार, वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम शामिल

WhatsApp Hacking: Target list includes many, from lawyers to activists, professors to journalists | WhatsApp जासूसी मामला: डीयू प्रोफेसर से लेकर पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील तक बने निशाना, कई बड़े नाम शामिल

भारत में दो दर्जन लोगों की वॉट्सऐप के जरिए की गई जासूसी

Highlightsवॉट्सऐप हैकिंग के जरिए भारत में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की की गई जासूसीइन लोगों में कई पत्रकार, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं

वॉट्सऐप ने हाल ही में इस बात की पुष्टि की है कि एक इजरायली स्पाइवेयर, पेगासस (Pegasus) के जरिए दुनिया भर में करीब 1400 प्रभावशाली लोगों की जासूसी की गई। 

वॉट्सऐप ने पुष्टि की है कि जिन यूजर्स के फोन को हैक करके ये जासूसी की गई उनमें भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता और बड़े वकील भी शामिल हैं। वॉट्सऐप ने कहा कि वह इन लोगों तक पहुंचा, लेकिन उसने उनकी संख्या और पहचान बनाने से इनकार कर दिया।

पीटीआई के मुताबिक, वॉट्सऐप जासूसी खुलासे के बाद भारत सरकार ने स्पाइवेयर मामले पर वॉट्सऐप को खत लिखा है और उसे 4 नवंबर तक इस पर जवाब देने को कहा है। 

भारत में दो दर्जन से ज्यादा प्रभावशाली लोगों की की गई जासूसी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इजायरली स्पाइवेयर पेगासस का प्रयोग करते हुए वॉट्सऐप के जरिए भारत में दो दर्जन से ज्यादा प्रभावशाली लोगों को निगरानी का निशाना बनाया गया। उनमें मानवाधिकार कार्यकर्ता और आदिवासी क्षेत्रों में काम करने वाले वकील, एक एल्गर परिषद के आरोपी, भीमा कोरेगांव मामले का वकील, एक दलित कार्यकर्ता, रक्षा और रणनीति पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के एक लेक्चरर शामिल हैं। 

वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने कहा, 'भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ता निगरानी के निशाने पर रहे हैं. हालांकि मैं उनकी संख्या और पहचान उजागर नहीं कर सकता, लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि ये महत्वहीन संख्या नहीं है।'

भारत में किसने खरीदा वॉट्सऐप हैकिंग वाला स्पाइवेयर?

सवाल ये उठ रहा है कि पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए पेगासस को किसने खरीदा? सरकार पर लग रहे जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार ने वॉट्सऐप से सुरक्षा में हुई इस चूक का जवाब देने को कहा है। उन्होंने सरकार पर लग रहे आरोपों को इन उदाहरणों के साथ खारिज किया कि यूपीए सरकार के दौरान पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और आर्मी चीफ के ऑफिस में भी जासूसी की घटनाएं हुई थी।

वॉट्सऐप ने हैकिंग टूल बनाने वाले इजरायली ग्रुप पर किया केस

वॉट्सऐप ने मंगलवार को इजरायली हैकिंग टूल (पेगासस) के डेवलेपर एनएसओ ग्रुप के खिलाफ केस दर्ज किया था। फेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप ने एनएसओ ग्रुप पर आरोप लगाया है कि उनसे एक हैकिंग प्लेटफॉर्म बनाया और उसे बेच दिया, जिसने वॉट्सऐप के सर्वर्स में एक कमी को खोजते हुए 29 अप्रैल 2019 से 10 मई 2019 के बीच कम के कम 1400 यूजर्स के सेलफोन को हैक करने में मदद की। 

वॉट्सऐप के मुताबिक यूजर्स के स्मार्टफोन में स्पाइवेयर को इंस्टाल करने के लिए मिस्ड वीडियो कॉल का सहारा लिया गया।

वॉशिंगटन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई अमेरिकी मित्र देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को इस साल की शुरुआत में हैकिंग सॉफ्टवेयर से निशाना बनागा गया था जो वॉट्सऐप का इस्तेमाल यूजर्स के फोन को नियंत्रण में लेने के लिए करते थे।

कैसे काम करता है वॉट्सऐप के सिक्योरिटी फीचर को भेदने वाला हैकिंग टूल 

पेगासस स्पाइवेयर को बनाने वाला इजराइल का एनएसओ ग्रुप, इजरायली मिलिट्री के रिटायर्ड द्वारा बनाया गया था। ये कंपनी अपने सेवाएं दुनिया भर की सरकारों को देती है। 

आमतौर पर ऐसे स्पाइवेयर फोन में तब इंस्टाल होते हैं, जब यूजर किसी भेजे गए लिंक पर क्लिक करता है। लेकिन वॉट्सऐप का कहना है कि ये स्पाइवेयर ज्यादा एडवांस्ड हैं और उसने वाइस या वीडियो कॉल के जरिए वॉट्सऐप को प्रभावित किया, भले ही यूजर ने उन्हें रिसीव भी न किया हो। जिन पीड़ितों को रात में उनका फोन बजता हुआ सुनाई दिया, सुबह उन्हें कॉल का कोई प्रमाण ही नहीं मिला। दुनिया भर में 1400 वॉट्सऐप यूजर्स को इस स्पाइवेयर के जरिए निशाना बनाया गया है।   

 

इंडियन एक्सप्रेस ने भारत में इस हैकिंग का निशाना बने 17 लोगों की लिस्ट जारी की है। 

भारत में वॉट्सऐप हैकिंग का शिकार हुए 17 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट

रवींद्रनाथ भल्ला, तेलंगाना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता और राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए समिति के महासचिव (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना चैप्टर):

शालिनी गेरा, जेलर कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज के लिए बस्तर स्थित वकील और जगदलपुर लीगल एड ग्रुप की सह-संस्थापक:

आनंद तेलतुम्बडे, नागरिक और दलित अधिकार कार्यकर्ता और विद्वान। गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में प्रोफेसर। एल्गर परिषद मामले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था और बाद में रिहा कर दिया गया था:

बेला सोमारी/भाटिया, बस्तर स्थित मानवाधिकार वकील और कार्यकर्ता: 

निहाल सिंह राठौर, नागपुर स्थित वकील, जो भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार वकील-कार्यकर्ता सुरेंद्र गाडलिंग के जूनियर भी हैं:

जगदीश मेश्राम, गढ़चिरौली स्थित वकील, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीपुल्स लायर्स के सदस्य:

अंकित ग्रेवाल, चंडीगढ़ स्थित मानवाधिकार वकील और संयुक्त सचिव, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीपुल्स लायर्स के सदस्य।

विवेक सुंदर, मुंबई स्थित नागरिक और पर्यावरण अधिकार कार्यकर्ता:

डिग्री प्रसाद चौहान, छत्तीसगढ़ के आदिवासी, दलित और मानवाधिकार कार्यकर्ता। छत्तीसगढ़ के पीयूसीएल चैप्टर से:

सीमा आजाद, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पीयूसीएल से जुड़ी हैं, इलाहाबाद से एक हिंदी पत्रिका निकालती हैं, दास्तां नए समय की:

डॉ. सरोज गिरि, राजनीति विज्ञान, दिल्ली विश्वविद्यालय में व्याख्याता:

अमर सिंह चहल, चंडीगढ़ स्थित मानवाधिकार वकील और मानवाधिकार अंतर्राष्ट्रीय वकीलों के सदस्य:

राजीव शर्मा, दिल्ली स्थित स्तंभकार और रणनीतिक मामलों के विश्लेषक:

शुभ्रांशु चौधरी, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के पूर्व पत्रकार, अब छत्तीसगढ़ शांति पत्रकारिता करते, सीजी नेट/स्वरा चलाया करते थे,  और अब आदिवासियों के लिए ’बुल्टू’ रेडियो (या ब्लूटूथ रेडियो) चलाते हैं:

छत्तीसगढ़ में शांति पत्रकारिता,  और अब ’बुल्टू’ रेडियो (या ब्लूटूथ रेडियो) आदिवासियों के लिए चलाया जाता था:

संतोष भारतीय, दिल्ली स्थित पत्रकार, ऑनलाइन न्यूज पोर्ट चौथी दुनिया के एडिटर-इन-चीफ, जनता दल के पूर्व सांसद:
 
आशीष गुप्ता, दिल्ली स्थित पत्रकार, जो असमिया प्रतिदिन ब्यूरो प्रमुख, जो लोकतांत्रिक अधिकार संगठन के समन्वय के साथ एक नागरिक अधिकार कार्यकर्ता भी हैं:

सिद्धांत सिबल, दिल्ली स्थित पत्रकार: WION के प्रधान राजनयिक और रक्षा संवाददाता:

Web Title: WhatsApp Hacking: Target list includes many, from lawyers to activists, professors to journalists

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे